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Last Updated :रतलाम , शनिवार, 28 मार्च 2015 (19:43 IST)

सीरियल देखकर बनाया था हत्या का प्लान

सीरियल देखकर बनाया था हत्या का प्लान - Murder
-प्रवीण पोरवाल

रतलाम। उन्होंने सीरियल देखकर हत्या का प्लान बनाया था और उन्हें भरोसा था कि इस तरह हत्या करने से वे पकड़े नहीं जा सकेंगे, लेकिन उनका प्लान धरा रह गया और वे पुलिस के हत्थे चढ़ गए। 
 
मामला जिले की आलोट तहसील के कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान विक्रमसिंह आंजना की हत्या का है। ग्राम जोयन निवासी आंजना का शव 23 मार्च को आलोट थाना क्षेत्र के बदनावरा फंटे के पास मिला था। थोड़ी दूर पर खाई से बाइक भी बरामद हुई। शव में मिली गोली और धारदार हथियारों के निशान बता रहे थे कि आंजना की हत्या की गई है। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर खोजबीन शुरू की और पांचवें दिन हत्या का पर्दाफाश कर दिया।
 
अफीम दिलाने के बहाने बुलाया : एसपी डॉ. आशीष ने बताया कि मृतक विक्रमसिंह और भारतसिंह पिता राधुसिंह निवासी बदनावरा पहले साथी थे। बाद में दोनों के बीच जमीन को लेकर विवाद हुआ। बीते साल भारतसिंह के खिलाफ आगर में एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज हुआ था। उसे शक था कि विक्रमसिंह ने उसे पकड़वाया है। जेल से बाहर आने के बाद उसने विक्रमसिंह को मारने का प्लान बनाया। 
 
इसी के तहत 22 मार्च की रात को उसने विक्रमसिंह को अफीम दिलाने का कहकर बदनावरा फंटे के पास बुलाया और चार लाख रुपए भी लाने को कहा। विक्रमसिंह रात को बदनावरा फंटे पहुंचा। मौका देखकर भारतसिंह ने अपने साथी बालूसिंह पिता नारायणसिंह निवासी प्रतापपुरा, कालूसिंह पिता मानसिंह निवासी पिपलिया थाना सुवासरा, नारायणसिंह पिता गंगाराम जगड़ावत निवासी गंगापुर, जगदीश पिता गंगाराम चौहान निवासी गंगापुर के साथ मिलकर विक्रमसिंह की हत्या कर दी और चार लाख रुपए लेकर भाग गए। भारतसिंह ने विक्रमसिंह पर देशी पिस्टल से दो गोली दागी थी। जगदीश चौहान ने तलवार और नारायणसिंह ने लाठी से वार किया। इसके अलावा बालूसिंह के हाथ में देसी कट्टा और कालूसिंह के पास देशी पिस्टल थी।
 
टीवी सीरियल देखकर की प्लानिंग : एसपी डॉ. आशीष ने बताया कि आरोपी काफी शातिर थे। उन्होंने टीवी सीरियल देख उसी तरह का षड्यंत्र रचा। पुलिस से बचने के लिए आरोपी भारतसिंह ने पहले से ही 22 मार्च की रात 1.30 बजे महाराष्ट्र जाने वाली एक ट्रेन में खुद के नाम से रिजर्वेशन कराया था। बाद में खुद न जाते हुए सुरेश पाटीदार नामक शख्स को अपनी मोबाइल सिम देकर रवाना कर दिया। भारतसिंह ने सुरेश से महाराष्ट्र जाकर संतरे के सेम्पल लाने को कहा था।
 
हत्या के बाद भारतसिंह आलोट से उज्जैन चला गया, जहां उसने पहले से ही होटल लवकुश में कमरा बुक करा रखा था। इधर जांच टीम को कई लोगों से पूछताछ के बाद भारतसिंह पर शंका हुई। इस पर टीम ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आ गया। बाद में अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार भी जब्त किए गए। 
 
खुलासा करने वालों को इनाम : हत्या का खुलासा करने में आलोट थाना प्रभारी अरविंदसिंह राठौर, एएसआई गोपालसिंह चंद्रावत, हेड कांस्टेबल योगेश, कांस्टेबल दिनेश भदौरिया, मोकमसिंह, नरेंद्र जगावत, सतीश, प्रशांत गुजराती, कंजर सेल के हेड कांस्टेबल महेंद्रसिंह, कांस्टेबल धर्मेंद्र जाट, यूसुफ एवं सायबर सेल रतलाम के मनमोहन शर्मा, हिम्मतसिंह, रितेशसिंह की अहम भूमिका रही। एसपी ने खुलासा करने एवं आरोपी को गिरफ्तार करने वाली टीम को 5 हजार रुपए देने की घोषणा की।