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Last Modified: शुक्रवार, 24 जून 2016 (17:29 IST)

युवती आत्महत्या मामला, नामी गुंडा गिरफ्तार

युवती आत्महत्या मामला, नामी गुंडा गिरफ्तार - Maiden, suicide, famous punk, Dewas
बागली। बागली अनुविभाग के पुलिस दल ने करिश्मा आत्महत्या मामले के मुख्य आरोपी राहुल उर्फ चाइना पिता सत्यनारायण गुर्जर को बुधवार को कुम्हारवाड़ी उज्जैन से हिरासत में ले लिया।
पुछताछ में दो और आरोपियों के नाम सामने आए हैं। सभी आरोपियों की गिरफ्तारी मोबाइल सर्विलिंस के आधार पर हुई है। मुख्य आरोपी राहुल उर्फ चाइना पर रासुका के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। हालांकि मामला देवास अजाक थाने को भेज दिया गया था। इस कारण घटना का असल कारण और कहानी राहुल उर्फ चाइना से प्रत्येक बिंदु पर पुछताछ के बाद ही सामने आ सकेगी। 
 
जानकारी के अनुसार गत 14 जून को महात्मा गांधी मार्ग बागली निवासी युवती करिश्मा पिता मोहनलाल मालवीय ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी। करिश्मा ने राहुल उर्फ चाइना व उसके साथियों की प्रताड़ना से तंग आकर यह कदम उठाया था। 
 
राहुल के मृतका करिश्मा के भाई रोहित से मित्रवत संबंध से इस कारण पीड़ित परिवार में उसका आना-जाना था। घटना से लगभग तीन पूर्व राहुल उर्फ चाइना अपने दो साथियों लखन पिता तैरसिंह निवासी बागली और राहुल पिता ब्रजेश शर्मा निवासी बागली के साथ करिश्मा के घर में घूसा था। राहुल ने मृतका के मामा की किसी जमीन में मदद की थी। 
 
इसके एवज में उसने 10 हजार रुपए की मांग की थी और रुपए न देने पर मृतका के भाई रोहित को जान से मार देने की धमकी दी थी। 14 जून को करिश्मा ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था। गंभीर अवस्था में उसे इंदौर के मयूर हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां उसकी मौत हो गई।
 
करिश्मा ने मृत्यु से पूर्व तहसीलदार इंदौर के समक्ष डाइंग डिक्लरेशन किया था। इसमें उसने अपनी मृत्यु के लिए जिम्मेदार राहुल उर्फ चाइना को बताया था। मामले में बागली पुलिस ने 16 जून को राहुल उर्फ चाइना पर आत्महत्या के लिए उकसाने और अजा-अजा अत्याचार निवारण की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर मामला अजाक थाना देवास को भेज दिया था। मामले की जांच डीएसपी अजाक पी. निगवाल कर रहे हैं।
 
गिरफ्तारी थी चुनौती : करिश्मा की मौत के बाद आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी को लेकर ज्ञापनों का दौर चला था। करिश्मा के भाई रोहित ने भी फिर सेहमले की आशंका जताई थी। मामले को लेकर एसडीओपी बागली संजीव कुमार पाठक ने बताया कि हमने आरोपियों की गिरफ्तारी को चुनौती की तरह लिया था। इसके लिए टीआई बागली बीएस गोरे, टीआई उदयनगर रोहित डोंगरे, एसआई आरएस वट्टी, कमलापुर चौकी प्रभारी एसएल पटेल व आरक्षक राजेश मंडोर सहित आरक्षकों की टीम गठित की थी। 
 
आरोपियों के पास अपने नाम पर दर्ज मोबाइल सिम नहीं थी। वे लोग अन्य लोगों के नाम पर दर्ज सिमों का प्रयोग कर रहे थे। इस कारण उन्हें हिरासत में लेना कठिन हो गया था। आरोपियों के परिजनों पर दबाव बनाया गया और रिश्तेदारी में भी हरसंभव ठिकानों पर पुलिस ने दस्तक दी थी। 
 
उनके मोबाइल नंबर पता करके सर्विलिंयस पर डाले गए थे। साइबर सेल की सहायता से कॉल डीटेल, कॉल की फ्रिक्वेंसी व कॉल के चेन सिस्टम से जानकारी निकालकर लखन को अमरपुरा से राहुल उर्फ बावरा को इंदौर से और राहुल उर्फ चाइना को कुम्हारवाडी उज्जैन से हिरासत में लिया गया। 
 
सभी आरोपियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने सहित विभिन्न धाराओं और अजा-अजजा अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज है। एसडीओपी पाठक ने यह भी बताया कि राहुल उर्फ चाइना पर कुल 18 प्रकरण दर्ज हैं। जिसमें से 14 न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए उस पर रासुका अधिनियम 3(ख) की कार्रवाई की जा रही है।
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