शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. मप्र-छग
Written By रवि भोई
Last Updated : बुधवार, 1 अक्टूबर 2014 (19:52 IST)

कांग्रेस में नहीं चला राहुल फार्मूला, परिवारवाद हावी

कांग्रेस में नहीं चला राहुल फार्मूला, परिवारवाद हावी -
FILE
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशियों की दूसरी सूची मे राहुल फार्मूले से अलग हटकर फैसला किया गया है। सभी पुराने विधायकों को टिकट दे दिया गया है। वहीं परिवारवाद भी छाया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा, अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को उम्मीदवार बनाया गया है। पूर्व विधायक बलरामसिंह ठाकुर के बेटे आशीषसिंह ठाकुर भी प्रत्याशी बनाए गए हैं।

हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल उर्मिला सिंह के रिशएदार देवेन्द्र बहादुरसिंह को भी कांग्रेस का टिकट मिल गया। अरुण वोरा लगातार दो चुनाव हारने के बाद भी प्रत्याशी बनाए गए हैं। कांग्रेस के कुछ नेता अपने रिश्तेदारों को टिकट नहीं दिलवा पाए। इसमें पूर्व सांसद परशराम भारद्वाज के बेटे रवि भारद्वाज पामगढ़ से टिकट चाहते थे, लेकिन उन्हें नहीं दिया गया।

राहुल फार्मूले के तहत पिछले लोकसभा चुनाव में जिन विधायकों के क्षेत्र में 10 हजार से अधिक वोट से कांग्रेस प्रत्याशी की हार हुई है, उनकी भी टिकट कटने की बात चल रही थी। इस फार्मूले में विधायक टीएस सिंहदेव, गुरुमुखरूसिंह होरा, राजकमल सिंघानिया जैसे दिग्गजों का नाम आ रहा था। दूसरी सूची में इन सबकों को टिकट दे दिया गया। दूसरी सूची में सबसे चौंकाने वाला नाम अमित जोगी का है। अजीत जोगी का टिकट काटकर अमित को प्रत्याशी बनाया गया है। अमित का यह पहला चुनाव है। अब मां-बेटे चुनाव लड़ेगे। अमित की मां रेणु जोगी कोटा से चुनाव लड़ेंगी।

दो महीने पहले मिनी माता जंयती के बहाने प्रदेश में जोगी रथ निकालने और दूसरी पार्टी के नेताओं से संपर्क करने वाले अजीत जोगी अचानक शांत हो गए, इससे लोगों को साफ लगने लगा कि जोगी परिवार का राहुल गांधी से समझौता हो गया है। इसके बाद राहुल गांधी से अमित की करीब एक घंटे की मुलाकात के बाद लगने लगा कि अमित को टिकट के बदले अजीत जोगी ने चुप्पी साध ली है।

जोगी की सबसे बड़ी इच्छा अपने बेटे को स्थापित करना है। अब जोगी अपनी परंपरागत सीट मरवाही से अमित को जिताने का काम करेंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस हाईकमान ने अमित को कोरबा सीट से टिकट देने से मना कर दिया था। इसके बदले रेणु जोगी को बिलासपुर से उम्मीदवार बनाया गया था। अमित को टिकट मिलने के बाद अब लगने लगा है कि अमित जोगी पार्टी प्रत्याशियों को जिताने का काम करेंगे। जोगी की पकड़ एससी वोटों पर अच्छी है। माना जा रहा है कि अजीत जोगी अब कांग्रेस के स्टार प्रचारक होंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चरणदास महंत के साथ वे भी पूरे राज्य का दौरा करेंगे।

कांग्रेस ने फिर से छत्तीसगढ़ में मुसलमानों व सिख पर दांव खेला है। अल्पसंखयक वर्ग में सिंधी समुदाय के किसी व्यक्ति को प्रत्याशी नहीं बनाया गया है। सिंधी समाज से रमेश वर्ल्यानी को रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा थी, लेकिन कांग्रेस ने वहां से महापौर किरणमयी नायक को उम्मीदवार बनाया है। किरणमयी को उम्मीदवार बनाए जाने से प्रमोद दुबे नाराज हो गए हैं।

लोक आयोग में प्रकरण के चलते प्रमोद दुबे की टिकट कट गई, उनकी जगह विकास उपाध्याय को राहुल गांधी के कोटे से टिकट मिल गई। विकास रायपुर पश्चिम से मंत्री राजेन्द्र मूणत के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। विकास को पहले इंदरचंद धाड़ीवाल को हटाकर रायपुर शहर जिला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। कांग्रेस ने रायपुर उत्तर से विधायक कुलदीप जुनेजा को रिपीट किया है, जिनके खिलाफ भाजपा के सिंधी प्रत्याशी श्रीचंद सुंदरानी उम्मीदवार हैं।

कांग्रेस ने सिख समुदाय से अभी दो लोगों को टिकट दिया है। जुनेजा के अलावा धमतरी से गुरुमुखसिंह होरा प्रत्याशी बनाए गए हैं। विधायक भजनसिंह निरंकारी भी सिख समाज से हैं, उनकी टिकट अभी पेंडिंग है। पिछली विधानसभा में कांग्रेस के तीन सिख विधायक थे। कांग्रेस ने दो मुसलमान बदरुद्दीन कुरैशी व मोहम्मद अकबर को प्रत्याशी बनाया है। दो ही अभी विधायक हैं।

ईसाइयों को भी खुश कर रही है कांग्रेस... पढ़ें अगले पेज पर...


छत्तीसगढ़ में करीब एक फीसदी सिंधी समुदाय की आबादी होगी, वहीं सिक्ख आबादी कम होने के बाद भी गांव-गांव में फैली है। 1998 में छत्तीसगढ़ से भाजपा के दो सिख विधायक चुने गए थे। इस बार भाजपा ने किसी सिख को टिकट नहीं दिया है। इससे सिख समुदाय भाजपा से नाराज है। कांग्रेस ने ईसाई समुदाय के अब्राहम तिर्की को कुनकुरी से प्रत्याशी बनाया है। कुनकुरी में एशिया का सबसे बड़ा चर्च है और उस इलाके में ईसाई समुदाय के लोगों की संख्या काफी अधिक हैं।

कांग्रेस ने पहली सूची में दो विधायकों के टिकट काटे थे और जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को टिकट दिया। दूसरी सूची में ऐसा कोई कदम नहीं दिखाई पड़ा। सोमवार को जारी 45 लोगों की सूची में अधिकांश पुराने विधायक हैं। कुछ की छवि व परफारमेंस खराब होने के बावजूद उन्हें टिकट मिल गया। आरंग से विधायक रुद्रगुरु, बिलाईगढ़ से डॉ. शिव डहरिया के टिकट रुके हैं। वहीं पिछली बार हारे लोगों को भी टिकट दिया गया है। सरगुजा के प्रेमनगर से पूर्व सांसद खेलसायसिंह को टिकट दिया गया है।

कांग्रेस ने दूसरी सूची में 12 नए चेहरे दिए हैं। इसमें दो महापौर वाणी राव बिलासपुर व रायपुर से किरणमयी हैं। दोनों दो कद्‌दावर मंत्री के खिलाफ प्रत्याशी बनाई गई है। महापौर चुनाव में दोनों अपने बलबूते चुनाव जीतीं थी, लेकिन महापौर होने से एंटी इनकम्बेंसी का नुकसान दोनों को हो सकता है। कांग्रेस ने भी भाजपा की तरह साहू कार्ड खेला है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू, विधायक ताम्रध्वज साहू, चैतराम साहू को टिकट दिया गया है।

बगावत की राह पर भाजपाई, क्यों...पढ़ें अगले पेज पर...


भाजपा में बगावत तेज : टिकट से वंचित छत्तीसगढ़ भाजपा के नेता अब निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में लग गए हैं। तखतपुर से टिकट मांग रहे व पूर्व विधायक जगजीतसिंह मक्कड़ ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। रायपुर उत्तर से टिकट मांग रहे सच्चिदानंद उपासने के समर्थक उन पर निर्दलीय लड़ने का दबाव बना रहे है।

उपासने पिछली बार काफी कम मतों से हारे थे। अभी वे पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। सक्ती सीट से भी भाजपा के कुछ नेता निर्दलीय चुनाव लड़ने की रणनीति बनाने लगे हैं। टिकट के बाद बगावती तेवर के कारण भाजपा ने कई टिकट रोक दिए हैं। माना जा रहा है कि अंतिम दिनों में ही अब टिकटों की घोषणा होगी।

सत्ता व संगठन प्रमुख दोनों मैदान में : छत्तीसगढ़ में मुखयमंत्री डॉ. रमनसिंह व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रामसेवक पैकरा दोनों ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने दोंनों को प्रत्याशी बनाया है। रमनसिंह राजनांदगांव व पैकरा प्रतापपुर से जोर आजमाएंगे।

पूर्व प्रदेश अध्यक्षों की टिकट कटी : भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद नंदकुमार साय एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय दोनों ही इस बार विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने दोनों को टिकट नहीं दिया।

भाजपा की नजर सिंधी वोटों पर : इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा की नजर सिंधी वोटों पर हैं। इस कारण पार्टी ने रायपुर उत्तर से श्रीचंद सुंदरानी को प्रत्याशी बनाया है। पार्टी ने जैन समुदाय से राजेन्द्र मूणत व संतोष बाफना को प्रत्याशी बनाया है, लेकिन पार्टी ने किसी सिख, ईसाई व मुसलमान को टिकट नहीं दिया है।