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Written By ND

फॉर हैप्‍पी मैरि‍ड लाइफ...

रोमांस
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आप अपने पार्टनर के साथ वर्षों से रह रहे हैं तो इसका मतलब यह कदापि नहीं है कि आप एक खुशनुमा मैरि‍ड लाइफ का लुत्फ ले रहे हैं। ज्‍यादातर मैरि‍ड कपल्‍स बच्चों, सामाजिक प्रतिष्ठा या अन्य कारणों के चलते साथ रहते हैं, लेकिन क्या पति-पत्नी के साथ रहने के लिए ये वजहें काफी हैं?

स्टेट यूनिवर्सिटी (न्यूयॉर्क) में साइकोलॉजी के प्रोफेसर और लेखक आर्थर आरन का कहना है कि लंबी मैरि‍ड लाइफ का राज कम्‍युनि‍केशन, मेंटल हेल्‍थ, सोशल कॉपरेशन और स्‍ट्रैस रि‍लेटेड बातों से जुड़ा है। यानी मैरि‍ज के बाद हजबैंड-वाइफ दोनों मानसिक रूप से खुश रहें, दोनों के बीच बेहतर कम्‍युनि‍केशन, टेंशन न हो और दोनों को एक-दूसरे का सपोर्ट मिले, लेकिन यह भी जरूरी नहीं है कि इससे आपको आपकी जिन्दगी अर्थपूर्ण और खुशगवार लगे ही।

कहा जाता है कि सबसे सफल शादियाँ वे होती हैं, जिनमें व्यक्तिगत रूप से दोनों को संतुष्टि हो, जिसमें दोनों की हर स्तर पर तरक्की हो, लेकिन यहाँ एक विरोधाभास है। हम यह भी तो कहते हैं कि विवाह की कामयाबी के लिए अपनी खुशी के ऊपर वैवाहिक रिश्ते को प्रमुखता देना जरूरी है!

गढ़ें एक-दूजे को

शताब्दियों से विवाह का आर्थिक और सामाजिक महत्व रहा है। विवाह को कायम रखने के लिए हमेशा भावनात्मक और बौद्घिक जरूरत को दोयम माना जाता रहा है। बदलते दौर में इस सोच में बदलाव आया है। अब युवक-युवतियाँ विवाह के लिए ऐसा साथी चाहते हैं, जो उनकी जिंदगी को और मनोहर बना सके। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्र्रिज (एमस्टर्डम) की शोधकर्ता कैरिल रसबल्ट इसे 'माइकल एंजेलो प्रभाव' का नाम देती हैं। अर्थात विवाह वह है, जिसमें दोनों पार्टनर एक-दूसरे को गढ़ते हैं, बनाते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं।

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डॉ. आरन और उनके सहयोगी गैरी लेवानडोस्की के अनुसार यदि आप आत्मविकास चाहते हैं और अपने पार्टनर की मदद से उसे पाते हैं, तो आपके जीवन में आपके पार्टनर का महत्व स्वतः ही बढ़ जाता है, साथ ही पार्टनर की मदद करके आपको भी संतुष्टि होती है। इस प्रकार आपका वैवाहिक संबंध मजबूत होता जाता है।

अगर आपका साथी कुछ रचनात्मक कार्यों से जुड़ा है अथवा वह मजाकिया है तो आप भी निश्चित ही पहले से कुछ बदल जाते हैं, अगर आप कुछ सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं तो आपके साथी के लिए भी इस दिशा में कार्य करने के रास्ते खुल जाते हैं। शोधों का यह भी कहना है कि कालांतर में आप अपने साथी की विशेषताओं को ग्रहण करने लगते हैं।

एक शोध में पाया गया कि जब पार्टनर एक-दूसरे के अत्यधिक करीब थे, तो उनके मस्तिष्क ने यह बात पहचानने में अधिक समय लगाया कि उनकी और उनके पार्टनर की अलग-अलग विशेषताएँ क्या हैं, जबकि जो विशेषताएँ दोनों में मौजूद थीं, उन्हें झट पहचान लिया गया।

इसका मतलब यह नहीं है कि ये जोड़े अपनी शादी के बाद अपनी व्यक्तिगत विशेषता पूरी तरह खो चुके हैं, अपितु वे आगे बढ़े हैं। अब जो उनके लक्षण हैं, कार्य हैं, व्यवहार है, वह इस रिश्ते से पहले नहीं हुआ करते थे, लेकिन अब वे उनकी जिंदगी का एक अहम हिस्सा हैं। यह उनके भविष्य की खुशियों का परिचायक भी है। डॉ. लेवांडोस्की का कहना है कि अगर आपका पार्टनर आपको एक अच्छा व्यक्ति बनने में मदद कर रहा है तो आप इस रिश्ते से प्रसन्न और संतुष्ट रहते हैं।