मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. लोकसभा चुनाव 2019
  3. समाचार
  4. Hansraj Hans
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 24 मई 2019 (05:04 IST)

हंसराज हंस ने विरोधियों का दिल किया 'टोटे, टोटे', लगातार तीसरी बार जीते

Hansraj Hans। हंसराज हंस ने विरोधियों का दिल किया 'टोटे, टोटे', लगातार तीसरी बार जीत की ओर अग्रसर - Hansraj Hans
नई दिल्ली। 'टोटे, टोटे' गीत से मशहूर गायक-राजनेता हंसराज 'हंस' ने अपने विरोधी उम्मीदवारों के दिलों को 'टोटे, टोटे' करते हुए उत्तर-पश्चिमी दिल्ली सीट से 5 लाख 53 हजार 897 लाख मतों से जीत दर्ज की। वे अपने राजनीतिक करियर में लगातार तीसरी बार संसद में पहुंचेंगे। 
 
हंस ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत शिरोमणि अकाली दल से करते हुए साल 2009 में जालंधर से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।

बाद में उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धताएं कांग्रेस के साथ जुड़ गईं लेकिन राज्यसभा के टिकट के लिए अंतिम क्षणों में उनका पत्ता साफ होने के बाद उन्होंने पार्टी से रिश्ता तोड़ लिया। उनके बजाय पूर्व पंजाब कांग्रेस प्रमुख शमशेर सिंह दुल्लो को टिकट दे दिया गया।
 
उन्होंने कहा कि एक कलाकार के नाते मुझे जनता से जो आपार स्नेह मिला है, मैं उसके लिए उसका आभारी हूं। मैं खुद को खुशकिस्मत समझता हूं कि राजनीति में भी मुझे लोगों का इसी तरह से प्यार मिला है। मोदी लहर का निश्चित रूप से फायदा हुआ है, क्योंकि लोगों का उनके नेतृत्व और उनकी सरकार द्वारा किए गए कार्यों में भरोसा था।
 
हंस का नामांकन कुछ कम नाटकीय नहीं रहा था। नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया का समय समाप्त होने में जब कुछ ही घंटे बजे थे, तब पार्टी उम्मीदवार के रूप में उनका नाम घोषित किया गया।
 
पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हंस खुद को 'सूफी' और 'फकीर' कहलाना पसंद करते हैं और वे उत्तर-पश्चिमी दिल्ली सीट से उम्मीदवार के रूप में अचानक सामने आए थे। इससे पहले भाजपा सांसद उदित राज इस सीट पर काबिज थे लेकिन पार्टी के इस फैसले से उदित राज ने बगावत कर दी और कांग्रेस में शामिल हो गए।
 
'आप' के गुगन सिंह और कांग्रेस के राजेश लिलोठिया के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में उतरे हंस को विपक्षी दलों ने 'बाहरी' करार दिया था लेकिन उन्होंने इसे विपक्षी उम्मीदवारों की असुरक्षा करार देकर इसे खारिज कर दिया।
 
57 वर्षीय सूफी गायक साल 2014 में उस विवादों में घिर गए थे, जब आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पूर्व आरोप लगाया था कि उन्होंने इस्लाम ग्रहण कर लिया है और वे उत्तर-पश्चिम दिल्ली से चुनाव नहीं लड़ सकते, क्योंकि यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। उत्तर-पश्चिम दिल्ली सीट पर चुनाव मैदान में सबसे कम केवल 10 उम्मीदवार मैदान में थे जबकि इस सीट पर सर्वाधिक मतदाता हैं। 
ये भी पढ़ें
मोदी की जीत से उद्योग जगत खुश, कहा- देश के लिए बड़े बदलाव व वैश्विक महाशक्ति बनने का समय