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Written By Author मुस्तफा हुसैन
Last Updated : बुधवार, 13 मार्च 2019 (20:03 IST)

शिवराज ने टटोली मालवा की नब्ज, लोकसभा चुनाव में होगी 'एयर स्ट्राइक'

shivraj singh chouhan। शिवराज ने टटोली मालवा की नब्ज, लोकसभा चुनाव में होगी 'एयर स्ट्राइक' - shivraj singh chouhan in mandsaur for Lok Sabha Elections 2019 Campaign
लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। यदि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराजसिंह चौहान की जुबां में बात करें तो सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं। भाजपा के सेनापति नरेंद्र मोदी हैं, लेकिन सामने वाली सेना में कोई सेनापति नहीं है। बिना सेनापति की सेना क्या करेगी।
 
यह बात शिवराज ने 10 मार्च को नीमच में कही। वे विशेष विमान से नीमच आए और विजय संकल्प सम्मलेन के बहाने समूचे मालवा की नब्ज़ टटोलते हुए बाय रोड भोपाल पहुंचे। पूर्व सीएम का अचानक दौरा कोई सामान्य घटना नहीं थी। विधानसभा चुनाव के बाद किसान आंदोलन की इस धरती पर वे पहली बार आए। उनके साथ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राकेशसिंह, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, विधायक नरोत्तम मिश्रा थे।
 
उनके इस दौरे से कई ख़ास बात निकलकर सामने आई, क्योंकि इस सम्मेलन में शामिल भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी हुए लेकिन उनका अंदाज़ अलग था। यह साफतौर पर दिखा कि एमपी में दो धाराएं हैं, एक शिवराज और दूसरे कैलाश। विजयवर्गीय बाय रोड आए और वे रास्ते भर अपना स्वागत-सत्कार करवाते हुए सीधे विजय संकल्प सम्मलेन स्थल सरवानिया महाराज पहुंचे, जहां उन्होंने फटाफट अपना भाषण दिया और यह कहते हुए निकल गए कि उन्हें राजस्थान के उदयपुर जाना है।
 
विजयवर्गीय आएंगे, यह बात भी कार्यक्रम वाली रात को पता चली यानी अचानक उनका दौरा बना। आमतौर पर यह माना जा रहा है कि मंदसौर संसदीय सीट की 8 सीटों में से 7 पर भाजपा का कब्जा है, ऐसे में भाजपा के लिए सबसे सेफ सीट है और कैलाश के जो सिपहसालार नीमच-मंदसौर में हैं वे चाहते हैं विजयवर्गीय यहां से लोकसभा का चुनाव लड़ें। यहां अभी भाजपा के ही सुधीर गुप्ता सांसद हैं, जिन्होंने राहुल गांधी की करीबी मीनाक्षी नटराजन को करीब 3 लाख वोटों से शिकस्त दी थी।
 
भाजपाई बताते हैं कि इस बार सांसद गुप्ता को पार्टी वापस मैदान में उतारने के मूड में नहीं है। इन्हीं बातों का परिणाम है कि नए उम्मीदवारों के नाम हवा में तैर रहे हैं। इनकी सूची लंबी है पर इसमें सबसे प्रभावी नाम विजयवर्गीय का है।
 
शिवराज के मालवा दौरे से एक खास बात और निकलकर आई कि एमपी में लोकसभा चुनाव का प्रचार केवल दो मुद्दों पर चलेगा। एक तो पीएम नरेंद्र मोदी और दूसरा एयर स्ट्राइक, क्योंकि मालवा में चुनाव प्रचार का आगाज़ करने आए तमाम नेताओं ने अपनी बात में केवल दो ही मुद्दों को तरजीह दी और एयर स्ट्राइक के बहाने मोदी को जमकर महिमामंडित किया।
 
भाजपा नेताओं के बयान से जाहिर था कि उनको पक्का भरोसा है कि हिन्दीभाषी राज्यों में जनता भावनाओं में जल्दी बहती है। कभी हिन्दुत्व तो कभी राम मंदिर और कभी देशभक्ति के नाम पर माहौल बनाया जा सकता है। 
 
भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने जितने भी हमले कांग्रेस पर किए, उसमें एयर स्ट्राइक का मुद्दा जुड़ा था और सेना का जमकर बखान, जबकि चुनाव आयोग ने 9 मार्च को साफ कहा कि सेना को चुनाव प्रचार में न घसीटा जाए।
 
जब हमने इस बारे में नरोत्तम मिश्रा से बात की तो उनका कहना था कि हम सेना के पराक्रम की बात कर रहे हैं और सांसद सुधीर गुप्ता बोले कि सेना के शौर्य की गाथा गाने से कोई नहीं रोक सकता और बहुचर्चित भाजपा विधायक दिलीपसिंह परिहार ने कहा कि सेना की विरदावली गाने के लिए किसी से पूछना थोड़े पड़ेगा।
 
कुल मिलाकर आने वाले चुनावी रण में यह बात साफ हो चुकी है कि पाकिस्तान पर की गई स्ट्राइक बीजेपी का प्रमुख अस्त्र होगा और शिवराज ने चुनाव में जमीन तलाशनी शुरू कर दी है। फिर नीमच, मंदसौर और मालवा का यह हिस्सा बीजेपी के लिहाज से बेहद भरोसेमंद है, क्योंकि यह संघ परिवार की नर्सरी है। इसीलिए शिवराज ने अपने भाषण में कहा कि नीमच की जनता को बार-बार प्रणाम करने का मन करता है क्योंकि यहां का चुनाव परिणाम भाजपा के हक में शत-प्रतिशत रहा। यदि सभी विधानसभा सीटें यहां होतीं तो हम 230 में से 230 सीटों पर विजयी होते।