बेटी पर कविता: आने दो बेटियों को धरती पर
चंचल फौजदार
आने दो बेटियों को धरती पर मत बजाना थाली चाहे वरना कौन गाएगा गीतअपने वीरों की शादी में आने दो बेटियों को धरती पर पनपने दो उनके भ्रूण वरना कौन धारण करेगा तुम्हारे बेटों के भ्रूण आने दो बेटियों को धरती पर मत बजाना थाली चाहे।