प्रेम सिर्फ प्रेम नहीं होता
शैलेन्द्र कुमार अग्रवाल
प्रेमप्रेम सिर्फ प्रेम नहीं होतावह होता हैधान का पका खेतखेत सिर्फ खेत नहीं होताउसमें होती हैं किसान की आंखेंआंखों में पानी होता हैजिसे सूरज गर्म करता हैहवा उड़ाती है भाप बनाकर उसेपानी सिर्फ पानी नहीं होतापानी के न होने पर धरती बंजर हो जाती हैप्रेम सिर्फ प्रेम नहीं होता।