क्या होते हैं कुंडली के 12 भाव, कैसे करते हैं हमें प्रभावित...
जानिए कुंडली के बारह भाव...
विधि का विधान है कि मनुष्य जन्म पाकर मोक्ष तक पहुंचे अर्थात् प्रथम भाव से द्वादश भाव तक पहुंचे। किसी भी मनुष्य के जीवनारंभ से लेकर मृत्यु तक जो भी सांसारिक अथवा जिन अन्य वस्तुओं आदि की आवश्यकता मनुष्य को पड़ती है उसका संबंध प्रथम (पहले) भाव से द्वादश (बारहवें) भाव से होता है।