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Last Modified: शुक्रवार, 7 नवंबर 2014 (11:59 IST)

जानलेवा है दूध!

जानलेवा है दूध! - Milk
हड्डियां मजबूत करनी हैं तो दूध पीना चाहिए, ऐसी सलाह डॉक्टर देते हैं। लेकिन एक शोध ने दूध पीने पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। शोध के मुताबिक दूध ज्यादा पीने वाले स्वीडिश नागरिकों की मौत जल्दी हो गई।

स्वीडिश टीम ने 39-74 आयु वर्ग की 61,000 महिलाओं और 45-79 साल के 45,000 से ज्यादा पुरुषों का डाटा इकट्ठा किया। 20 साल तक महिलाओं और 11 साल तक पुरुषों पर नजर रखी गई। शोध में शामिल होने वाले लोगों ने अपने खान पान और जीवनशैली, शरीर का वजन और धूम्रपान आदत और कसरत जैसे अन्य विषयों पर विस्तार से जानकारी दी।

चौंकाने वाले नतीजे : इस लंबे अध्ययन के अंत तक समूह के 25,500 लोगों की मृत्यु हो गई और 22,000 लोगों की हड्डी टूटने की घटनाएं हुईं। शोध के मुताबिक ज्यादा दूध पीने से फ्रैक्चर कम होने का संबंध उतना नहीं है जितना उच्च मृत्यु दर का हो सकता है।

कितना दूध सही : शोधकर्ताओं को संदेह है चीज की तुलना में दूध में डी गैलेक्टोस की मात्रा ज्यादा होती है। चीनी का यह प्रकारण जानवरों में परीक्षण के दौरान बुढ़ापे की दर तेज करता है और जीवन काल कम करता है।

कितना लाभदायक दूध : स्वीडन की उपसाला यूनिवर्सिटी के इस शोध में पाया कि दस साल की अवधि में एक हजार के समूह में ऐसी 180 महिलाओं की मौत हो गई जो एक दिन में तीन ग्लास से ज्यादा दूध पीती थीं। एक ग्लास या उससे कम दूध सेवन करने वालों में मृत्यु दर एक हजार में 110 पाई गई।

अलग असर : शोध में कहा गया कि दूसरी मूल की जातियों में दूध का अलग असर हो सकता है क्योंकि उनमें लैक्टोस पचाने की क्षमता अलग होती है और प्रतिरोधक क्षमता भी। साथ ही गाय को दिए जाने वाला चारा भी अहम भूमिका निभाता है।

अभी और शोध की जरूरत : शोधकर्ताओं का कहना है कि दूध के सेवन के बारे में किसी नतीजे पर पहुंचना या फिर कोई सुझाव देना फिलहाल नामुमिकन है। शोध ने कई सवालों को खड़ा कर दिया है।