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Last Modified: गुरुवार, 14 अप्रैल 2016 (11:26 IST)

जर्मनी की न्यूडिस्ट परंपरा

जर्मनी की न्यूडिस्ट परंपरा - Germany nudist tradition
जर्मनी में कई सार्वजनिक जगहें ऐसी हैं जहां केवल बिना कपड़ों के ही जाया जा सकता है। प्लेबॉय जैसी कामुक नग्न तस्वीरों वाली पत्रिकाओं से अलग, यहां नग्नता और कामुकता को जोड़कर नहीं देखा जाता।
जर्मनी में फ्राइक्योर्परकुल्टूअर (एफकेके) यानि फ्री बॉडी कल्चर की परंपरा कई दशक पुरानी है। सार्वजनिक रूप से नग्न होने की परंपरा का उल्लेख 19वीं सदी के उत्तरार्ध में मिलता है। बाद में इनको खेलों के साथ भी जोड़ दिया गया।
 
एफकेके आंदोलन को नाजी शासन ने कुचल दिया था। लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के बाद के काल में तत्कालीन पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी में ये फिर से फला फूला। खासकर पूर्वी जर्मनी में।
 
इस आंदोलन को केवल प्रकृति के पास आने का प्रयास ही नहीं बल्कि शारीरिक तंदुरुस्ती से भी जोड़ कर देखा जाता था। जर्मन न्यूडिटी एसोसिएशन सन 1963 में जर्मनी के ओलंपिक खेलों के परिसंघ से जुड़ गए। इससे न्यूड मूवमेंट्स और खेलों के बीच संबंध गहराया।
 
हाल के सालों में इन एसोसिएशनों में नए सदस्यों का जुड़ना कम हुआ है। इस समय आधिकारिक जर्मन न्यूडिटी एसोसिएशन के करीब 40,000 सदस्य हैं।हर उम्र के लोग देश के अलग अलग हिस्सों में खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए इकट्ठा होते हैं।
 
प्रतियोगिताओं में हाइकिंग (तस्वीर में), ब्यूल्स, वॉलीबॉल और तैराकी जैसे तमाम खेल शामिल हैं। जाहिर है सभी में खेल के अपने नियमों के अलावा बिना कपड़ों के इन्हें खेलने की शर्त होती है।
 
जर्मनी के ज्यादातर सॉना महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए हैं। और उनमें आमतौर पर कपड़े पहनने की अनुमति नहीं होती है। जर्मन लोगों को इससे ज्यादा परेशानी नहीं क्योंकि ऐसा नहीं होता कि कोई किसी को बिना कपड़ों के देख कर घूरता या मुस्कराता हो।
 
जर्मनी में पहला एफकेके का पहला आधिकारिक न्यूडिस्ट बीच 1920 में सिल्ट द्वीप पर खुला। यह जर्मनी और डेनमार्क की सीमा के पास का एक द्वीप है। इसके बाद तो बोर्कुम, नॉर्डर्ने और आमरूम जैसे की द्वीपों पर एफकेके बीच बने। बाल्टिक सागर के उजेडोम और यूर्गेन द्वीप आजकल बहुत लोकप्रिय हैं।
 
इसके अलावा कई समुद्री तटों पर पूरा नहीं तो कुछ हिस्सा बिना कपड़ों के रहना पसंद करने वाले लोगों के लिए सुरक्षित होता है। यहां आमतौर पर निशान (तस्वीर में) लगे होते हैं। यहां बिना कपड़ों के सनबाथ लेने वाले लोगों को कोई परेशानी नहीं होती।
 
अपने घर में तो हर कोई अपनी मर्जी से कुछ भी पहनने या ना पहनने के लिए स्वतंत्र है ही, जर्मन लोग अपने घर के पिछले हिस्से की खुली जगह में भी बिना कपड़ों के सनबाथ ले सकते हैं। इसका ध्यान रखना होता है कि इससे पड़ोसियों को परेशानी ना हो।
 
समुद्र से दूर स्थित इलाकों में न्यूड पार्कों का चलन है। म्यूनिख का इंग्लिश गार्डेन और बर्लिन का टियर गार्डेन ऐसे दो सबसे मशहूर जर्मन पार्क हैं जहां खास न्यूड एरिया बने हैं।