मरीजों के स्वास्थ्य में अस्पतालों की साफ सफाई की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सबसे ज्यादा जानें वहां मौजूद कीटाणुओं से जाती है। जर्मन अस्पतालों में अब इस पर ध्यान दिया जा रहा है।
जो अस्पताल जाता है वह स्वस्थ होना चाहता है और ज्यादा बीमार नहीं। लेकिन अकसर उल्टा हो रहा है। अस्पताल के कीटाणु प्रतिरोधक हो गए हैं। उनसे संक्रमित होकर जर्मनी में ही दस हजार से अधिक लोगों की जान जा रही है।
समस्या नई नहीं है। सख्त कानून बनाकर इससे निबटने की कोशिश होती रही है। लेकिन बचत के दबाव में बहुत से अस्पतालों में पर्याप्त सफाई कर्मी नहीं हैं। बहुत से अस्पतालों ने सफाई का काम बाहरी कंपनियों को आउटसोर्स कर दिया है।
असली समस्या पशुपालन उद्योग में बड़े पैमाने पर एंटी बायटिक का इस्तेमाल है। एंटी बायटिक के इस्तेमाल वाले मीट के सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है।