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Last Modified: मंगलवार, 5 जनवरी 2016 (11:36 IST)

पिता के खान पान का बच्चे पर असर

पिता के खान पान का बच्चे पर असर - food
अब तक सिर्फ गर्भवती महिलाओं को ही होने वाले बच्चे की खातिर पौष्टिक आहार लेने को कहा जाता था। नए शोध में इस बात के संकेत हैं कि गर्भधारण के पहले पिता का खान पान भी बच्चे के भविष्य के लिए जरूरी होता है।
मां की जिम्मेदारी : गर्भवती हैं, तो सलीके का खाना खाएं, सिगरेट न पिएं, शराब न पिएं। सारी बंदिशें मांओं के लिए थीं। पिता को कोई नहीं कहता था कि उसे अपने होने वाले बच्चे की सेहत के लिए क्या करना चाहिए।
 
वसा वाला खाना : विज्ञान पत्रिका साइंस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार पिता का ज्यादा घी-तेल वाला खान पान वीर्य के माध्यम से बच्चे तक पहुंचता है और उसके मेटाबोलिज्म पर नकारात्मक असर डालता है।
 
चूहे पर शोध : रिसर्चरों की दो टीमों का कहना है कि बहुत अधिक वसा या कम प्रोटीन वाला खाना चूहों में कुछ खास जीन के रेगुलेशन को बदल देता है। एक दूसरी टीम ने इंसानों पर भी इसी तरह के असर के सबूत दिए।
 
दो ग्रुप : अमेरिका की नेवादा यूनिवर्सिटी की एक टीम ने नर चूहों के एक दल को छह महीने तक 60 प्रतिशत और दूसरे को 10 प्रतिशत वसा वाला खाना खिलाया। दोनों के वीर्यों से गर्भाधान कराया गया।
 
समान आहार : दोनों ग्रुपों के बच्चों को एक जैसा आहार दिया गया। शुरू में विकास में कोई अंतर नहीं दिखा। लेकिन 7वें हफ्ते के बाद अधिक चर्बी वाले पिताओं के बच्चों में ग्लुकोज टॉलरेंस और इंसुलीन रेसिस्टेंस में कमी पाई गई।
 
डायबिटीज का खतरा : ये दोनों कमजोरियां अक्सर डायबिटीज की पहली स्टेज मानी जाती हैं। शरीर में ये कमियां 15वें हफ्ते के बाद और ज्यादा हो जाती हैं। शोध में पिताओं के वीर्य में रीबोन्यूक्लेइक एसिड आरएनए में अंतर पाया गया।
 
आरएनए का काम : वीर्य में उपस्थित आरएनए जीनोटाइप में संरक्षित जेनेटिक सूचनाओं को शरीर की कोशिकाओं के प्रोटीन कारखाने तक पहुंचाता है। वह इसके अलावा जीन को भी रेगुलेट करता है।
 
कार्बोहाइड्रेट की पहचान : आरएनए का एक हिस्सा पिता के खाने की आदतों की सूचना रखता है। इस सूचनाओं की वजह से मेटाबोलिज्म का जीन सुगर या कार्बोहाइड्रेट को पहचानने में अक्सर नाकाम रहा।
 
इंसानी टेस्ट : हाल में कोपेनहैगेन यूनिवर्सिटी में इंसानों पर हुए एक टेस्ट में मोटापे के जीन वीर्य के माध्यम से अगली पीढ़ी को दिए जा सकते हैं। इस मामले में वीर्य में जेनेटिक अंतर पाए गए।
 
पिताओं के लिए सलाह : स्वस्थ बच्चे चाहते हैं तो अभी से अपने खान पान और कसरत का ख्याल रखिए। और अगर पिता सावधान रहें तो वे मांओं की भी स्वस्थ रहने में मदद कर सकते हैं।