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Written By भाषा

करियर के बुरे दौर से गुजर रहे हैं पुजारा और कोहली

करियर के बुरे दौर से गुजर रहे हैं पुजारा और कोहली -
नई दिल्ली। सचिन तेंदुलकर के संन्यास लेने के बाद भारतीय मध्यक्रम की रीढ़ माने जा रहे विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा इंग्लैंड दौरे में अपने करियर के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं, जो भारत की 5 टेस्ट मैचों की श्रृंखला में लगातार 2 हार के लिए मुख्य वजह भी मानी जा रही है।

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कोहली ने अभी तक इस श्रृंखला के चार मैचों की आठ पारियों में केवल 108 रन बनाए हैं और उनका औसत 13.50 है, दूसरी तरफ पुजारा भी लगातार नाकाम रहे। उनके नाम पर इस श्रृंखला में 25.87 की औसत से 207 रन दर्ज हैं जिसमें एक अर्धशतक शामिल है।

मैनचेस्टर में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में ये दोनों बल्लेबाज पहली पारी में खाता नहीं खोल पाए थे जबकि दूसरी पारी में पुजारा 17 और कोहली सात रन बनाकर आउट हो गए थे। इस मैच में भारत के शीर्ष क्रम के पांचों बल्लेबाजों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा।

पुजारा और कोहली के अलावा मुरली विजय, गौतम गंभीर और अजिंक्य रहाणे ने इस मैच की दोनों पारियों में केवल 89 रन बनाए। यह टेस्ट क्रिकेट में भारतीय शीर्ष क्रम का सातवां बुरा प्रदर्शन है।

राहुल द्रविड़ के संन्यास के बाद भारतीय मध्यक्रम के श्रीमान भरोसेमंद माने जा रहे पुजारा इस साल शुरू से रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं। उन्होंने पिछले साल जोहानिसबर्ग में आखिरी शतक लगाया था और उसके बाद पिछली 14 पारियों से उन्हें सैकड़े का इंतजार है।

पुजारा ने वर्ष 2014 में अब तक छह टेस्ट मैच की 12 पारियों में केवल 267 रन बनाए हैं जिनमें उनका औसत 22.65 रहा। इसका बुरा प्रभाव पुजारा के औसत पर भी पड़ा। इस साल के शुरू में उनका औसत 66.25 था, जो मैनचेस्टर टेस्ट मैच के बाद 51.58 हो गया है।

दिल्ली का यह बल्लेबाज इंग्लैंड में एक-एक रन के लिए तरस रहा है। वेलिंगटन की पारी के कारण जहां कोहली का टेस्ट औसत 46.51 पर पहुंच गया था, वहीं अब गिरकर 40.64 हो गया और अपने करियर में तीसरी बार उन पर औसत 40 से नीचे गिरने का खतरा मंडरा रहा है।

द्रविड़ और लक्ष्मण के संन्यास के बाद भारतीय मध्यक्रम की जिम्मेदारी पुजारा और कोहली पर आ गई थी। इन दोनों ने इसके बाद अपनी भूमिका बखूबी निभाई।
द्रविड़-लक्ष्मण के संन्यास के बाद पुजारा ने 20 मैचों में 56.45 की औसत से 1750 रन बनाए जिसमें उनके सभी छह शतक शामिल हैं।

कोहली भी इन सभी 20 मैचों में खेले जिसमें उन्होंने 44.60 की औसत से 1338 रन बनाए। भारत ने इन 20 मैचों में से दस में जीत दर्ज की जबकि छह में उसे हार मिली।

पुजारा ने विशेषकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई है। उनकी मौजूदगी में भारत ने जो 12 टेस्ट मैच जीते उसमें इस बल्लेबाज ने 74.25 की औसत से 1188 रन बनाए हैं, लेकिन उनके खराब प्रदर्शन का असर टीम पर भी पड़ा।

पुजारा को टेस्ट मैचों में छह बार हार का स्वाद चखना पड़ा और इन मैचों में उनके बल्ले से 27.83 की औसत से केवल 334 रन निकले।

जहां तक कोहली का सवाल है तो उनके रहते हुए भारत ने 11 टेस्ट मैच जीत दर्ज की जिसमें उन्होंने 45 .21 की औसत से 633 रन बनाए। कोहली को हालांकि दस मैचों में हार भी झेलनी पड़ी जिनमें वह 27.70 की औसत से 554 रन ही बना पाए। (भाषा)