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Last Modified: बुधवार, 19 अक्टूबर 2016 (17:56 IST)

टेस्ट क्रिकेट को रोमांचक बनाने की जिम्मेदारी खिलाड़ियों की : विराट कोहली

टेस्ट क्रिकेट को रोमांचक बनाने की जिम्मेदारी खिलाड़ियों की : विराट कोहली - Virat Kohli, Indian Test cricketer
नई दिल्ली। भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल की टेस्ट श्रृंखला के दौरान इंदौर के दर्शकों के 'टेस्ट प्रेम' से अन्य मैच स्थलों को सीख लेने की सलाह देते हुए कहा कि क्रिकेट के इस लंबी अवधि के प्रारूप को रोमांचक और दर्शकों के अनुकूल बनाने की जिम्मेदारी खिलाड़ियों की है। 
वरिष्ठ खेल पत्रकार विजय लोकपल्ली की किताब 'ड्रिवन, द विराट कोहली स्टोरी' के विमोचन के अवसर पर मंगलवार रात यहां कोहली स्वयं मौजूद थे। इस स्टार बल्लेबाज ने कहा कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेटर बनने के लिए ही क्रिकेट खेलना शुरू किया था।
 
कोहली ने कहा, मैं ही नहीं प्रत्‍येक क्रिकेटर जब क्रिकेट खेलना शुरू करता है तो उसका एक ही लक्ष्य होता है टेस्ट क्रिकेटर बनना। टेस्ट क्रिकेट आज भी खिलाड़ियों की प्राथमिकता है। अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम टेस्ट मैच में कैसे खेलते हैं, जिससे कि दर्शक इसकी तरफ आकर्षित हों।
 
उन्होंने कहा, इंदौर में टेस्ट मैच के दौरान स्टेडियम भरा हुआ था। मैंने वहां दर्शकों में उत्साह देखा। अन्य टेस्ट स्थलों को इससे सीख लेनी चाहिए। हमें टेस्ट क्रिकेट को रोमांचक बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिए। 
 
इस अवसर पर दिग्गज ऑलराउंडर कपिल देव, भारतीय टीम के वर्तमान कोच अनिल कुंबले, विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग, रवि शास्त्री, आशीष नेहरा, अंजुम चोपड़ा, कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा और कई अन्य क्रिकेटर भी उपस्थित थे। 
 
कपिल ने इस अवसर पर न सिर्फ कोहली बल्कि वर्तमान में भारतीय टीम संस्कृति की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, आजकल के क्रिकेटर हमारे जमाने के क्रिकेटरों से कहीं बेहतर हैं। उनका समर्पण, अनुशासन और कड़ी मेहनत काबिलेतारीफ है। उन्होंने क्षेत्ररक्षण का स्तर बढ़ा दिया है। हमारे समय में क्षेत्ररक्षण ऐसा नहीं था। 
 
सहवाग ने कहा कि जब उन्हें रणजी टीम के अपने साथी प्रदीप सांगवान ने पहली बार कोहली के बारे में बताया तो उन्हें सहज विश्वास नहीं हुआ था। उन्होंने कहा, जब मैं दिल्ली के लिए खेलता था तो सांगवान ने मुझे बताया कि एक लड़का है जो गजब की बल्लेबाजी करता है। बाद में मैंने उसे (कोहली) देखा तो तब मुझे लगा कि यह लड़का वास्तव में बहुत प्रतिभाशाली है और यह बहुत आगे तक जाएगा। 
 
कुंबले ने कहा कि कोहली एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो खुद ही नहीं बल्कि पूरी टीम को तैयार करने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा, पिछले कुछ वर्षों में कोहली में जो बदलाव आपको देखने को मिले हैं उसका पूरा श्रेय उन्‍हें जाता है। वे केवल खुद ही नहीं बल्कि पूरी टीम को तैयार करते हैं।
 
उन्‍होंने कहा, निश्चित तौर पर उन्‍होंने खेल के हर क्षेत्र में बाकी खिलाड़ियों के लिए मानदंड स्थापित किए  हैं। वे अभी महान खिलाड़ी बन चुके हैं और यह समय बताएगा कि वे किस मुकाम तक पहुंचते हैं। 
 
लगभग डेढ़ साल तक भारतीय टीम के निदेशक रहे शास्त्री को इस बीच कोहली को करीब से जानने समझने का मौका मिला और उन्होंने कहा कि उन्हें ड्रेसिंग रूम में कोहली के सरल स्वभाव ने प्रभावित किया। कोहली ने इस किताब की भूमिका भी लिखी है। 
 
उन्होंने कहा, वे अभी 27 साल के हैं लेकिन उन्‍होंने बहुत कुछ हासिल कर लिया है। मुझे उनके साथ ड्रेसिंग रूम में समय बिताने का मौका मिला और मुझे उनके सरल स्वभाव ने बहुत प्रभावित किया। वे अपने काम के प्रति बेहद ईमानदार हैं। वे किसी तरह के बहानों के लिए जगह नहीं छोड़ते। वे खुद उदाहरण पेश करते हैं। यह अच्छा है कि वह एक युवा टीम का कप्तान है।  
 
कोहली के कोच राजकुमार शर्मा ने कहा कि उसे बचपन से ही चुनौती पसंद हैं। उन्होंने कहा, उसे चुनौतियां हमेशा से पसंद रही हैं। वह चाहता है कि उसे चुनौती मिले। वह आत्मविश्वास से भरा रहता है। (भाषा) 
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