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Last Modified: मंगलवार, 1 सितम्बर 2015 (17:21 IST)

श्रीलंकाई सरजमीं पर 22 साल बाद श्रृंखला जीता भारत

श्रीलंकाई सरजमीं पर 22 साल बाद श्रृंखला जीता भारत - Srilanka, India, test series
कोलंबो। भारत का श्रीलंकाई सरजमीं पर टेस्ट श्रृंखला जीतने का पिछले 22 साल से चला आ रहा इंतजार आज यहां तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में 117 रन से बड़ी जीत दर्ज करने के साथ ही खत्म हो गया।
श्रीलंकाई कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (110) और कुशाल परेरा (70) ने छठे विकेट के लिए 135 रन जोड़कर भारत का जीत का इंतजार बढ़ाया लेकिन वे विराट कोहली की टीम को इतिहास रचने से नहीं रोक पाए।
 
श्रीलंका ने अपने आखिरी पांच विकेट 26 रन के अंदर गंवाए और 386 रन के लक्ष्य के सामने उनकी पूरी टीम 268 रन पर आउट हो गई। रविचंद्रन अश्विन ने 69 रन देकर चार विकेट लिए जबकि ईशांत शर्मा 32 रन के एवज में तीन विकेट हासिल करके भारत का यह दौरा ऐतिहासिक बना दिया।
 
भारत ने इससे पहले 1993 में मोहम्मद अजहरूद्दीन की अगुवाई में श्रीलंकाई धरती पर 1-0 से जीत दर्ज की थी। यह पहला अवसर है जबकि भारतीय टीम ने विदेशी सरजमीं पर शुरू में पिछड़ने के बाद श्रृंखला जीती।
 
श्रीलंका ने गाले में पहला टेस्ट मैच 63 रन से जीता था जबकि भारत ने इसके बाद पी सारा ओवल में दूसरे मैच में 278 रन से जीत दर्ज की थी। भारत ने इससे पहले 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सरजमीं तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में पहला मैच गंवाने के बाद 2-1 से जीत दर्ज की थी।
 
परेरा ने चाय के विश्राम से ठीक पहले अपनी एकाग्रता खोई। भारत तीसरे सत्र के शुरू में जब नयी गेंद लेकर उतरा तो मैथ्यूज तीसरी गेंद पर पवेलियन लौट गए जिससे भारत की जीत में महज औपचारिकताएं रह गयीं।
 
अश्विन ने परेरा को आउट करके विकेट गिरने का सिलसिला शुरू किया जबकि ईशांत ने मैथ्यूज की धैर्यपूर्ण पारी का अंत करके टेस्ट मैचों में अपना 200वां विकेट लिया। भारत ने नयी गेंद लेने के बाद केवल पांच ओवर में बाकी बचे चार विकेट निकाल दिए।    
 
चेतेश्वर पुजारा को मैन ऑफ द मैच चुना गया। इस टेस्ट से अंतिम एकादश में वापसी करने वाले इस भरोसेमंद बल्लेबाज ने पहली पारी में सलामी बल्लेबाज के रूप में उतरकर नाबाद 145 रन बनाए थे।
 
श्रीलंका ने सुबह तीन विकेट पर 67 रन से आगे खेलना शुरू किया। ईशांत शर्मा को दिन के पहले ओवर में ही मैथ्यूज का विकेट मिल जाता लेकिन उनके बल्ले को स्पर्श करके विकेटकीपर नमन ओझा के दस्तानों में पहुंची गेंद नोबॉल निकल गयी।
 
भारत को बहरहाल यह साझेदारी तोड़ने में ज्यादा देर नहीं लगी। मैथ्यूज के साथ कल के दूसरे अविजित बल्लेबाज कौशल सिल्वा सुबह टिककर खेलने में नाकाम रहे। उमेश यादव ने इस सलामी बल्लेबाज को शॉर्ट मिडविकेट पर चेतेश्वर पुजारा के हाथों लपकवाया। उन्होंने मैथ्यूज के साथ चौथे विकेट के लिये 53 रन की साझेदारी की।
 
लाहिरू तिरिमाने (12) भी अपना कप्तान का साथ ज्यादा नहीं दे पाए। वह अश्विन की गेंद पर सिली प्वाइंट पर खड़े केएल राहुल को कैच देकर पवेलियन लौटे। लेकिन विकेटकीपर बल्लेबाज कुशाल परेरा ने पूरी दृढ़ता के साथ बल्लेबाजी की और दूसरे सत्र में अधिकतर समय तक भारतीय गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसाए रखा।
 
श्रीलंका ने पहले सत्र में केवल 67 रन बनाए थे और इस बीच दो विकेट गंवाये लेकिन दूसरे सत्र में उसके बल्लेबाजों ने रन बनाने को भी तरजीह दी। श्रीलंका ने इस सत्र में 115 रन जोड़े और एक विकेट गंवाया।
 
मैथ्यूज जब 93 रन पर खेल रहे थे तो अमित मिश्रा की गेंद पर अंपायर ने उनके खिलाफ पगबाधा की विश्वसनीय अपील ठुकरा दी थी। उन्होंने इसके कुछ देर बाद स्टुअर्ट बिन्नी की गेंद पर चौका जड़कर अपना शतक पूरा किया। वह श्रीलंका के दूसरे कप्तान हैं जिन्होंने भारत के खिलाफ चौथी पारी में शतक जड़ा।
 
भारतीय गेंदबाजों ने हालांकि अपनी लाइन और लेंथ पर नियंत्रण बनाए रखा और जब श्रीलंका की यह जोड़ी उनके लिए परेशानी का सबब बन रही थी तभी परेरा ने अश्विन की गेंद पर रिवर्स स्वीप करने का निर्णय किया।
 
उनका शॉट सीधे प्वाइंट पर खड़े रोहित शर्मा के हाथों में चला गया। परेरा ने अपनी पारी में 106 गेंद खेली और 11 चौके लगाए। चाय के विश्राम तक 80 ओवर पूरे हो गए थे और कोहली ने इसके तुरंत बाद ही नयी गेंद ली और उसे ईशांत को थमा दिया।
 
इस मैच में नयी गेंद से बल्लेबाजों को परेशान करने वाले दिल्ली के इस तेज गेंदबाज ने तीसरी गेंद पर ही मैथ्यूज को पगबाधा आउट कर दिया। श्रीलंकाई कप्तान ने 240 गेंद खेली और 13 चौके लगाए। अश्विन ने रंगना हेराथ और धम्मिका प्रसाद को एक ओवर में पवेलियन भेजा जबकि मिश्रा ने नुवान प्रदीप को आउट करके भारतीय जीत की औपचारिकता पूरी की।(भाषा)