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Last Modified: मुंबई , शुक्रवार, 27 नवंबर 2015 (17:17 IST)

बीसीसीआई लोकपाल को सभी सदस्यों की जांच का अधिकार : शशांक मनोहर

बीसीसीआई लोकपाल को सभी सदस्यों की जांच का अधिकार : शशांक मनोहर - Shashank Manohar
मुंबई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के लोकपाल न्यायाधीश एपी शाह को बोर्ड में हितों के टकराव के अलावा सभी प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ अनुचित व्यवहार और अनुशासनहीनता के मामलों की जांच करने का भी अधिकार होगा।


बीसीसीआई के अध्यक्ष शशांक मनोहर ने इसकी घोषणा की। उन्होंने एक अंग्रेजी दैनिक को बताया कि आरोपी अधिकारियों के खिलाफ जांच के बाद सजा का निर्णय बोर्ड ही करेगा। भारतीय बोर्ड की छवि सुधारने के मकसद से बीसीसीआई में पहली बार लोकपाल की नियुक्ति की गई है और इस पद पर दिल्ली एवं मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश शाह को बतौर लोकपाल नियुक्त किया गया है।

जगमोहन डालमिया के निधन के बाद पेशे से वकील मनोहर को दूसरी बार बीसीसीआई अध्यक्ष चुना गया है। उन्होंने पद संभालने के बाद हितों के टकराव और भ्रष्टाचार के मुद्दों की जांच के लिए नियुक्त लोकपाल को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से उन्हें ये शक्तियां दी हैं।

मनोहर ने कहा कि न्यायाधीश शाह किसी न्यायिक निकाय की तरह ही बोर्ड में भी पूरी स्वतंत्रता के साथ काम कर सकेंगे। हालांकि न्यायाधीश शाह बतौर लोकपाल किसी प्रशासनिक अधिकारी के खिलाफ अनुशासनहीनता, अनुचित व्यवहार की शिकायतों की जांच कर सकेंगे लेकिन दोषी अधिकारी को पद से हटाने का अधिकार उन्हें नहीं होगा।

मनोहर ने बताया कि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी बोर्ड का सदस्य भी है इसलिए लोकपाल को उसके खिलाफ अपनी रिपोर्ट बोर्ड को देनी होगी।

बीसीसीआई अध्यक्ष ने साथ ही कहा कि पहले के नियमों के अनुसार किसी बोर्ड के सदस्य के खिलाफ 3 सदस्यीय अनुशासनात्मक समिति जांच करती थी जिसमें बोर्ड अध्यक्ष का होना अनिवार्य था, लेकिन अब एक स्वतंत्र व्यक्ति किसी मामले की जांच करेगा जिससे बोर्ड के सदस्यों को पक्षपातपूर्ण रवैए की शिकायत नहीं होगी। (वार्ता)