कोलंबो। पुछल्ले बल्लेबाजों के उपयोगी योगदान से श्रीलंका के सामने बड़ा लक्ष्य रखने वाले भारत ने आज यहां शुरू में ही तीन विकेट निकालकर तीसरे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच पर शिकंजा कसने के साथ श्रीलंकाई सरजमीं पर 22 साल बाद पहली टेस्ट श्रृंखला जीतने की तरफ मजबूत कदम बढ़ाए। भारत ने अपनी दूसरी पारी में 274 रन बनाए और इस तरह से श्रीलंका के सामने जीत के लिए 386 रन का लक्ष्य रखा जिसने चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक तीन विकेट पर 67 रन बनाए थे।
श्रीलंका अब भी लक्ष्य से 319 रन पीछे है जबकि भारत को श्रृंखला जीतने के लिए कल आखिरी दिन सात विकेट निकालने होंगे। भारत ने श्रीलंकाई धरती पर आखिरी बार 1993 में टेस्ट श्रृंखला जीती थी। वर्तमान श्रृंखला अभी 1-1 से बराबर चल रही है। भारतीय टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाने का श्रेय निचले मध्यक्रम और पुछल्ले बल्लेबाजों को जाता है। बाद में तेज गेंदबाजों ने पिच से मिल रही मदद का पूरा फायदा उठाया।
भारत ने अपने चोटी के चार बल्लेबाज 64 रन पर गंवा दिए थे लेकिन इसके बाद रोहित शर्मा (50), स्टुअर्ट बिन्नी (49), नमन ओझा (35), अमित मिश्रा (39) और रविचंद्रन अश्विन (58) ने श्रीलंका को निराश किया। धम्मिका प्रसाद और नुवान प्रदीप दोनों ने चार-चार विकेट लिए।
इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने फिर से श्रीलंका के शीर्ष क्रम को झकझोरा। उन्होंने आफ स्टंप के बाहर की लाइन पर गेंदबाजी की, जिसका उन्हें फायदा मिला। उपुल थरंगा (0), दिमुथ करुणारत्ने (0) और दिनेश चांदीमल (18) पैवेलियन में विराजमान हैं। स्टंप उखड़ने के समय सलामी बल्लेबाज कौशल सिल्वा 24 और कप्तान एंजेलो मैथ्यूज 22 रन पर खेल रहे थे। ईशांत शर्मा ने अब तक 14 रन देकर दो जबकि उमेश यादव ने 32 रन देकर एक विकेट लिया।
श्रीलंका का चांदीमल को ऊपरी क्रम में भेजने का फैसला फिर से गलत साबित हुआ, जिन्होंने गाले में पहले टेस्ट मैच में छठे नंबर पर खेलते हुए नाबाद 162 रन बनाकर अपनी टीम को जीत दिलाई थी। ईशांत अपने पूरे जोश में थे। उनकी ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों को खेलना मुश्किल था। चांदीमल उनकी ऐसी ही गेंद पर बल्ला अड़ा बैठे। तीसरी स्लिप में खड़े के एल राहुल के हाथ से गेंद छिटक गई लेकिन दूसरी स्लिप में मुस्तैद विराट कोहली ने उसे कैच कर दिया। ईशांत ने इसके बाद जोशीला जश्न मनाया।
स्कोर जब तीन विकेट पर 21 रन था, तब मैथ्यूज और सिल्वा ने संभलकर बल्लेबाजी की और टीम को आगे कोई झटका नहीं लगने दिया। भारतीय तेज गेंदबाज सुबह की परिस्थितियों का पूरा फायदा उठाने की कोशिश करेंगे लेकिन उन्हें मौसम साफ रहने के लिए भी दुआ करनी होगी क्योंकि कल बारिश की भविष्यवाणी की गई है।
इससे पहले भारत ने सुबह तीन विकेट पर 21 रन से अपनी पारी आगे बढ़ाई और इसके बाद कुछ उपयोगी साझेदारियों से उसने मैच पर अपनी पकड़ मजबूत बनायी। रोहित और कोहली ने सुबह सहजता से बल्लेबाजी की। इन दोनों ने चौथे विकेट के लिए 57 रन जोड़े।
श्रीलंकाई गेंदबाजों ने कोहली को लगातार ऑफ स्टंप से बाहर गेंदबाजी करके ललचाने की कोशिश की। भारतीय कप्तान आखिर में उनके झांसे में आ गए और नुवान प्रदीप की गेंद पर पहली स्लिप में कैच दे बैठे।
लंच के समय भारत का स्कोर पांच विकेट पर 132 रन था। बिन्नी और ओझा ने इसके बाद छठे विकेट के लिए 42 रन जबकि मिश्रा और अश्विन ने आठवें विकेट के लिए 55 रन की साझेदारी करके श्रीलंका की परेशान बढ़ा दी।
बिन्नी जब 25 रन पर थे तब कुशाल परेरा ने रंगना हेराथ की गेंद पर उन्हें स्टंप आउट करने का आसान मौका गंवाया। वह तेजी से अर्धशतक की तरफ बढ़ रहे थे लेकिन केवल एक रन से अपना दूसरा पचासा पूरा नहीं कर पाए। प्रसाद की गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में थरंगा के हाथों में चली गई।
प्रसाद को अगले ओवर में मिश्रा का विकेट भी मिल जाता लेकिन सब्सिट्यूट क्षेत्ररक्षक मुबारक ने उनका कैच छोड़ दिया। ओझा ने इसके बाद हेराथ की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में कैच थमाया। अश्विन और मिश्रा ने शुरू में थोड़ा सतर्कता बरती लेकिन बाद में उन्होंने भी खुलकर बल्लेबाजी की।
मिश्रा चाय के विश्राम से ठीक पहले तेजी से रन लेने के प्रयास में रन आउट हुए। भारत ने चाय के विश्राम के बाद भी पारी समाप्त घोषित नहीं की। अश्विन ने तेजी से रन बनाकर अपना पांचवां अर्धशतक पूरा किया। वह प्रसाद की गेंद पर विकेट के पीछे कैच देकर आखिरी बल्लेबाज के रूप में आउट हुए। (भाषा)