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Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 21 मई 2015 (23:46 IST)

BCCI की कानूनी लागत रही 56 करोड़ रुपए

BCCI की कानूनी लागत रही 56 करोड़ रुपए - BCCI
नई दिल्ली। बीसीसीआई ने पिछले दो साल में कानूनी मसलों पर 56 करोड़ रुपए खर्च किए। वित्त समिति की आज यहां हुई बैठक में इसका खुलासा किया गया। 
पता चला है कि कानूनी व्यय के पिछले दो साल में काफी बढ़ने के कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई वाली वित्त समिति ने मान्यता प्राप्त राज्य इकाईयों को दी जाने वाली बुनियादी ढांचे पर सब्सिडी 50 करोड़ से बढ़ाकर 75 करोड़ नहीं करने का फैसला किया है जैसा कि प्रस्ताव रखा गया था। 
 
वित्त समिति के एक सदस्य ने कहा, ‘पिछले दो वित्त वर्षों में बीसीसीआई का कानूनी व्यय क्रमश: 31 करोड़ और 25 करोड़ रुपए रहा तथा सचिव अनुराग ठाकुर और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने सही कहा है कि हम सब्सिडी नहीं बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा रकम का उपयोग कैसे किया जा रहा है, इसके लिये दिशानिर्देश तैयार करने पर भी सहमति बनी।’ 
 
यह भी पता चला है कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच करने वाली न्यायमूर्ति मुकुल मुदगल समिति को 1.5 करोड़ रुपए दिए गए जबकि बीसीसीआई ने उच्चतम न्यायालय से नियुक्त न्यायमूर्ति आर लोढ़ा समिति के लिए 3.90 करोड़ रुपए खर्च किए गए। 
 
वित्त समिति ने इस पर भी गौर किया कि महिला क्रिकेटरों को नजरअंदाज किया जा रहा है और समिति ने उनके लिए भी ग्रेड भुगतान प्रणाली शुरू करने का फैसला किया। 
 
इसके अलावा घरेलू क्रिकेट खेलने वाले जूनियर और ए टीम के क्रिकेटरों को भी अधिक धनराशि दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘इससे पहले अंडर-16 लड़कों को मैच के लिए प्रतिदिन 500 रुपए मिलते थे, जिसे वित्त समिति की योजना बढ़ाकर 1000 रुपए करना है। इसी तरह से अंडर-23 टीमों के लिए 1000 रुपए के बजाय 2500 रुपए प्रतिदिन करने की योजना है।’ (भाषा)