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Last Modified: सोमवार, 17 दिसंबर 2018 (15:57 IST)

आईडीबीआई में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के एलआईसी के कदम के खिलाफ याचिका खारिज

आईडीबीआई में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के एलआईसी के कदम के खिलाफ याचिका खारिज - plea against lic steps to buy 51 stake in idbi
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के एलआईसी के कदम को चुनौती दी गई थी।
 
न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने ऑल इंडिया आईडीबीआई ऑफिसर्स एसोसिएशन की याचिका को खारिज कर दिया जिसने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कदम को इस आधार पर चुनौती दी थी कि शेयरधारिता में बदलाव से आईडीबीआई का सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक का दर्जा छिन सकता है।
 
एसोसिएशन इस बात को लेकर चिंतित था कि आईडीबीआई का सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक का दर्जा छिन जाने से उसके कर्मचारियों की सेवा शर्त प्रभावित हो सकती है।
 
एलआईसी ने इससे पहले अदालत से कहा था कि वह आईडीबीआई में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदना चाहती है क्योंकि सरकार संचालित बीमा कंपनी वर्ष 2000 से ही बैंकिंग ऑपरेशन में उतरने का विचार कर रही है। एलआईसी ने कहा कि उसने अतीत में भी अपना बैंक खोलने के कई प्रयास किए, लेकिन उसके प्रयास विफल रहे।
 
एलआईसी की तरफ से पेश सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा था कि एलआईसी ने बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। बैंक का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने कहा कि सरकार द्वारा विनिवेश के जरिए कंपनी का दर्जा बदलने के दौरान कर्मचारियों की सहमति की जरूरत नहीं होती है।
 
आईडीबीआई में सरकार की 85.96 फीसदी हिस्सेदारी है और जून में समाप्त हुई तिमाही में उसका घाटा 2409.89 करोड़ प्रतिशत का रहा। उसकी सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) तकरीबन 57 हजार 807 करोड़ रुपए की थी। (भाषा)
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