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Last Modified: रविवार, 24 मई 2015 (14:35 IST)

पूंजी बाजार में निवेशकों की बल्ले-बल्ले

पूंजी बाजार में निवेशकों की बल्ले-बल्ले - Investers
नई दिल्ली। आर्थिक गतिविधियों को तीव्र गति से आगे बढ़ाने के उद्देश्य से मोदी सरकार द्वारा किए गए सुधारों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ाने से बनी मजबूत धारणा से पूंजी बाजार में आई तेजी से 1 वर्ष में इसके निवेशकों को करीब 21 फीसदी का रिटर्न मिला है जबकि सोने में निवेशकों को करीब 3 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा है।
 
मोदी सरकार ने 26 मई 2014 को कार्यभार संभाला था और तब से अब तक देश के प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स ने 13.11 फीसदी की छलांग लगाई है। पिछले वर्ष 26 मई को सेंसेक्स 24,716.88 अंक पर रहा और 31 मई को यह 24,217 अंक तक उतरा था। इसके बाद अर्थव्यवस्था को लेकर सकारात्मक माहौल से निवेश धारणा के मजबूत होने से सेंसेक्स इससे नीचे नहीं उतर सका।
 
1 वर्ष के दौरान उतार-चढ़ाव के बीच गत 4 मार्च को यह 30,000 अंक के रिकॉर्ड स्तर को पार करते हुए 30,024 अंक के उच्चतम स्तर को छूने में सफल रहा लेकिन यह इस स्तर पर टिक नहीं सका और उसी दिन 29,380 अंक पर आकर बंद हुआ था।
 
बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स 27,957.50 अंक पर रहा। इस हिसाब से सेंसेक्स मोदी सरकार के कार्यभार संभालने से लेकर अब तक 13.11 फीसदी अर्थात 3,240.62 अंक चढ़ने में सफल रहा है।
 
पिछले 1 वर्ष में बीएसई के बाजार पूंजीकरण ने भी लंबी छलांग लगाई और यह पिछले वर्ष 26 मई को 85 लाख 20 हजार 816.33 करोड़ रुपए से 20.89 फीसदी बढ़कर इस वर्ष 22 मई को 103 लाख 1 हजार 565.70 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इस दौरान इसमें 17 लाख 80 हजार 749.37 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
 
पिछले वर्ष 26 मई को सोना 28,270 रुपए प्रति 10 ग्राम पर था, जो इस वर्ष 23 मई को 2.90 फीसदी उतरकर 27,450 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया। इसी तरह से चांदी की कीमत 26 मई 2014 को 41,450 रुपए प्रति किलोग्राम थी, जो अब 5.91 प्रतिशत लुढ़ककर 39 हजार रुपए प्रति किलो पर आ चुकी है। (वार्ता)