शिक्षक दिवस : व्यक्तित्व, जो जीवन संवारता है
एक शिक्षक कभी भी साधारण नहीं हो सकता क्योंकि वह एकमात्र ऐसा इंसान है जो आपको साधारण से असाधारण बनाने की क्षमता रखता है। आपकी समझ और आपका ज्ञान विकसित करना ही उसका उद्देश्य नहीं होता। वह आपको प्रेरणा देता है, आपका मार्गदर्शन करता है। आपके जीवन में एक उद्देश्य लाता है। एक शिक्षक ही है जो सही मायने में एक इंसान, एक समाज और एक राष्ट्र बनाता है। यदि चाणक्य अखंड भारत का सपना नहीं देखते तो चन्द्रगुप्त मौर्य जैसा आम आदिवासी बालक भारत पर राज नहीं करता। यदि कृष्ण गीता उपदेश नहीं देते तो अर्जुन का जीवन लक्ष्य-रहित रह जाता। टीचर डे जैसे दिवस हैं हमें सीख देते हैं, जिनमें आज भी गुरु-शिष्य की परंपरा दिखाई देती है। इस दिवस को मनाना और परंपरा जारी रखना एक अच्छी बात है। सदाचार की राह दिखाने वाले और आपके करियर को संवारने वाले गणमान्यों का सम्मान जितना किया जा सके हम सब को करना चाहिए।इसलिए मनाते हैं शिक्षक दिवस : अगले पेज पर
इसलिए मनाते हैं शिक्षक दिवसअपने शिक्षकों को सम्मान देने के उद्देश्य से भारत में 5 सितंबर, यानि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन, शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन न सिर्फ भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे बल्कि स्वंय एक अच्छे शिक्षक और दार्शनिक भी थे।