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शेर का बैंक अकाउंट
एक शेर ने बड़े बैंक में, जाकर अपना खाता खोला। एक लाख हर दिन डालूंगा, जाकर मैनेजर से बोला। किंतु उसी दिन रोज शाम को, पांच लाख विड्रॉल लूंगा। इसी शर्त पर रे मैनेजर, मैं अपना खाता खोलूंगा। एक लाख डालोगे हर दिन पांच लाख वापस मांगोगे।मैनेजर बोला साहबजी, क्या मुझको फांसी टांगोगे।कहा शेर ने, नेताजी जब, मनमानी पर आ जाते हैं,पांच लाख में कुर्सी लेकर, नोट करोड़ों खा जाते हैं। हम तो जंगल के राजा हैं, सौदा तुम्हें पटाना होगा, एक लाख के बदले हर दिन, पांच लाख दिलवाना होगा। मजबूरी में मैनेजर ने, खोल दिया है सिंह का खाता। माल गरीबों से लेता है, शाम ढले सिंह को दे आता।