बुधवार, 24 अप्रैल 2024
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Written By Author प्रभुदयाल श्रीवास्तव

बाल कविता : बेटा फीस चुका आता हूं

बाल कविता : बेटा फीस चुका आता हूं - school poems
अरे पिताजी क्या कर डाला,


 
अब मैं कैसे जाऊं शाला।
 
नहीं आपने फीस चुकाई,
 
मुझको सर ने डांट पिलाई।
 
मुझको समय नहीं मिल पाया,
 
इससे फीस चुका न पाया।
 
अभी शीघ्र शाला जाता हूं,
 
बेटा फीस चुका आता हूं। 


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