मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
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बाल कविता : सरकारी स्कूल चलें हम...

बाल कविता : सरकारी स्कूल चलें हम... - poem on public school
बच्चों को स्कूल भिजाएं,
अक्षरब्रह्म का ज्ञान कराएं।
 
बच्चे तो अनगढ़ माटी हैं,
इनको सुन्दर गुलदान बनाएं।
 
शिक्षा सम्मानों की खेती है,
आओ इनका मान कराएं।
 
विद्यालय शिक्षा के मंदिर हैं,
बच्चों से पूजन करवाएं।
 
निजी विद्यालय बनी दुकानें,
इसका सबको भान कराएं।
 
राजेन्द्र प्रसाद से प्रणब मुखर्जी तक,
सरकारी विद्यालय का मान बढ़ाएं।
 
कलाम, बसु, रामानुज, टैगोर,
सरकारी स्कूलों की शान बढ़ाएं।
 
मोदी, शिवराज, नीतीश, मनमोहन,
इन स्कूलों में पढ़ भारत का सम्मान बढ़ाएं।
 
निजी स्कूलों से नहीं लुटना है ध्यान रहे,
सरकारी स्कूलों में प्रवेश ले सम्मान कराएं।