बाल गीत : भैयाजी को अच्छी लगती
भैयाजी को अच्छी लगती,
पहली की हिंदी पुस्तक।
पहला पाठ खुला तो दिखता,
जन मन गण का गान।
भैयाजी को हो जाता है,
देश प्रेम का भान।
पाठ दूसरा खुला तो होती,
क ख ग घ की दस्तक।
आगे के पाठों पर होती,
खास फलों की मार।
इमली दिखती आम लटकते,
दिखते लाल अनार।
पन्ना जब आगे पलटा तो,
दिखते कार मेट्रो रथ।
अंतिम पन्नों पर दिख जाते,
सूरज तारे चांद।
उसी पाठ में बने हुए हैं,
आंख नाक और कान।
सबसे नीचे धुंआ उड़ाता,
इंजन दिखता फक-फक-फक।
अपनी भाषा की पुस्तक से,
मिलता सच्चा ज्ञान।
इसको पढ़ने का मतलब है,
माता का सम्मान।
अपने ऊपर होता पहला,
अपनी माता की ही हक।