शनिवार, 20 अप्रैल 2024
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बाल गीत : गरमा-गरम जलेबी

बाल गीत : गरमा-गरम जलेबी - Jalebi Poems
पापा गरमा-गरम जलेबी,
लेकर आए हैं। 
 

 
मुनिया ने पहचानी उनके,
पैरों की आहट।
मम्मी के मुखड़े पर आई, 
रिमझिम मुस्कराहट।
दादा तो दरवाजे से ही,
आ पछियाए हैं। 
 
गंध मिली तो दादीजी का,
पत्ता मन डोला। 
ताक रही थीं गरम जलेबी,
वाला वह झोला।
मुन्ना के हाथों संदेशे, 
दो भिजवाए हैं। 
 
गरम जलेबी मम्मी ने जब,
सबको खिलवाई। 
ऊपर चढ़ी सांस थी सबकी, 
तब नीचे आई। 
चेहरों पर खुशियों के परचम, 
अब लहराए हैं।