गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
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Written By Author प्रभुदयाल श्रीवास्तव

बाल कविता : चींटी मेरी बेस्ट फ्रेंड है

बाल कविता : चींटी मेरी बेस्ट फ्रेंड है - Chinti Rani
चींटी मेरी बेस्ट फ्रेंड है, बीए पास बीएड ट्रेंड है।


 
हर दिन लांग ड्राइव पर जाती, अपने खुद को खुद ही चलाती।
शकर-गुड़ जैसे भोजन को, अपने सिर पर रख ले आती।
करती है दिन-रात परिश्रम, नहीं काम का कभी एंड है।
 
चलती है तो चलती जाती, बिना रुके ही बढ़ती जाती।
थकने का तो नाम ना लेती, जब तक मंजिल ना मिल जाती।
दृढ़ इच्छा के एयरपोर्ट पर, करती श्रम का प्लेन लैंड है।
 
है कतार में बढ़ती जाती, गिर जाती तो उठकर आती।
अगर कहीं व्यवधान हुआ तो, काट-काट चक्कर आ जाती।
शिक्षा देती है हम सबको, श्रम का हर दम अपर हैंड है।
 
उठो और चल पड़ो बात यह, कही विवेकानंदों ने है।
लंगड़ों ने पर्वत लांघे हैं, नदी पार की अंधों ने है।
हर चींटी ने इसी बात का, हमें किया ई-मेल सेंड है।