शुक्रवार, 29 मार्च 2024
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बाल गीत : नया सवेरा

बाल गीत : नया सवेरा - bal geet
सुबह-सुबह का नया सवेरा,
रवि किरण बिखराया है।


 

 
कलियां फिर से जाग गईं,
शुभ प्रभात जो आया है।
 
पशु-पक्षी का कलरव सुनकर,
पुष्पलता मुस्काई है।
ममता भरी बोली चिड़ियों की,
आंगन से टकराई है।
 
गोलू ने मोलू को जाके,
बिस्तर से उठाया है।
कलियां फिर से जाग गईं,
शुभ प्रभात जो आया है।
 
हर-हर पवन हिलोरे,
बागों में उधम मचाई है।
माली दौड़े फूल चुगन को,
कैसे उसकी चतुराई है।
 
सुबह-सुबह ‍फिर से भानु,
बच्चों को हंसाया है।
कलियां फिर से जाग गईं,
शुभ प्रभात जो आया है।