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Last Updated : मंगलवार, 21 मार्च 2017 (20:36 IST)

साइबर क्राइम पर वरुण कपूर की रिकॉर्ड 200वीं कार्यशाला

साइबर क्राइम पर वरुण कपूर की रिकॉर्ड 200वीं कार्यशाला - Cybercrime, Varun Kapoor, Workshop
इंदौर। आज इंटरनेट लोगों के जीवन में गहरी पैठ बना चुका है। जहां इंटरनेट ने जीवन को आसान किया है, वहीं इसमें अपराध के नई तरीके भी पैदा हुए हैं, जिसे साइबर क्राइम कहा जाता है। इसी साइबर क्राइम के खिलाफ अलख जगा रहे रहे नारकोटिक्स विभाग में एडीजी और पुलिस रेडियो ट्रेनिंग स्कूल (पीआरटीएस) के प्रमुख वरुण कपूर ने सिम्बॉयोसिस यूनिवर्सिटी में 200वीं कार्यशाला लीं। एक दिवसीय कार्यशाला में वरुण कपूर ने सायबर सुरक्षा से जुड़े मूलमंत्रों की जानकारी दी।
 
कार्यशाला में उन्‍होंने बताया कि आज जहां पूरा विश्‍व मोबाइल, इंटरनेट के माध्‍यम से आपस में एक हो गया है। सभी दैनिक कार्यों में इंटरनेट का उपयोग सामान्‍य बात है, वहीं सबसे तीव्र गति से बढ़ने वाला अपराध भी साइबर अपराध है। वर्तमान में आपके और आपके डिवाइस के बीच अपराध होने की संभावना बढ़ गई है। इसी प्रकार डिजिटल फुटप्रिंट, आईडेंटिटी थेप्‍ट, एटीएम फ्राड, कॉल स्‍पूफिंग, फाइनेंशियल फ्राड एवं सायबर से जुड़े अपराध हैं, जिनके बारे में जानकारी होना आवश्‍यक है। उन्होंने कार्यशाला में कहा कि आधुनिक टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल सुरक्षित ढंग से करते हुए उसका इस्‍तेमाल अपने लाभ के लिए करें, न कि दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए। कपूर ने आईटी एक्‍ट एवं इसकी विभिन्‍न धाराओं की जानकारी भी दी। 
 
प्रलोभनों से बचें : मोबाइल-इंटरनेट का उपयोग करते समय कई प्रलोभनों के मैसेज आते हैं, जिनसे बचना चाहिए, क्‍योंकि बगैर किसी कार्य के आपको कोई भी कुछ भी नि:शुल्‍क नहीं देगा।  युवा सोच-समझकर ही फेसबुक पर दोस्‍त बनाएं। इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स डिवाइस का उपयोग करते समय हमेशा अपने मस्तिष्‍क में सुरक्षा की बातों को बनाए रखें।  
  
साइबर सुरक्षा में करियर अवसर : वरुण कपूर ने कहा कि अब समय आ गया है जब छात्र-छात्राएं सायबर सुरक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। यह रोजगार का एक अत्‍यंत विस्‍तृत क्षेत्र हो गया है। छात्र-छात्राएं सायबर लॉ के क्षेत्र में, अनुसंधान के क्षेत्र में प्रशिक्षण लेकर अपने लिए सुरक्षित रोजगार तो प्राप्‍त कर ही सकते हैं, साथ ही देशसेवा का कार्य भी कर सकते हैं। कार्यशाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को वरुण कपूर ने सम्मानित भी किया।
 
15 राज्यों में कर चुके हैं कार्यशाला : वरुण कपूर अपनी कार्यशाला के माध्यम से साइबर क्राइम के विरुद्ध लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उनकी यह पहल इंदौर और  मप्र का दायरा लांघकर देश के करीब 15 राज्यों में जागरूकता का उजाला फैला रही है। वरुण कपूर ने इस अभियान को चार भागों में बांटा है।
 
स्कूली बच्चों के लिए संदेश, कॉलेज के बच्चों के लिए संकल्प, आमजन व संगठनों के लिए समाधान और सरकारी विभाग व बड़ी संस्थानों के लिए सहयोग नाम से कार्यशाला की जाती है। ढाई से तीन घंटे की कार्यशाला में सभी को साइबर स्पेस और साइबर क्राइम क्या है? इसके दुष्प्रभाव और  इनसे बचने के उपाय सहित आईटी एक्ट व अन्य जानकारी देते हैं।  
 
इनमें 46 हजार 125 लोगों को साइबर प्रशिक्षण दे चुके हैं। कार्यशाला  सिम्बॉयोसिस यूनिवर्सिटी में आयोजित हुई 200वीं कार्यशाला अपने आप में एक रिकॉर्ड है। एडीजी अपनी टीम के साथ न सिर्फ मध्यप्रदेश, बल्कि 15 राज्यों के कई शहरों में साइबर जागरूकता का प्रशिक्षण दे चुके हैं। इन राज्यों में उत्तरप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, उत्तराखंड, बिहार, बंगाल, उड़ीसा, मेघालय और त्रिपुरा शामिल हैं।