इनसान जब ख्याति के चरम पर पहुँच जाता है तो उसके तमाम अगले-पिछले बुरे कारनामे किसी जंग लगी संदूक में रखी बरसों पुरानी किताब की तरह दबकर रह जाते हैं। कुछ ऐसा ही हाल शेन कीथ वॉर्न का है।
क्रिकेट बिरादरी के इस सबसे बिगड़ैल और अय्याश इनसान को इंडियन प्रीमियर लीग ने 'महानायक' बना दिया है। हालिया कामयाबी से उनकी तमाम पिछली कारगुजारियाँ अतीत के पन्नों में गुम हो गईं और दुनिया के हर क्रिकेटर की जुबाँ शेन वॉर्न की काबिलियत के ही चर्चे हैं
किसी समय क्रिकेट बिरादरी के इस सबसे बिगड़ैल और अय्याश इनसान को इंडियन प्रीमियर लीग ने 'महानायक' बना दिया है। हालिया कामयाबी से उनकी तमाम पिछली कारगुजारियाँ अतीत के पन्नों में गुम हो गईं और अब भारत ही नहीं, दुनिया के हर क्रिकेटर की जुबाँ शेन वॉर्न की काबिलियत, नेतृत्व क्षमता और जुझारू प्रवृत्ति के गुणगान करते थक नहीं रही है।
सोचा भी नहीं था : इंडियन प्रीमियर लीग की सबसे सस्ती टीम कही जाने वाली राजस्थान रॉयल्स ने 45 दिन चले क्रिकेट के इस नए रूप को शेन वॉर्न की अगुवाई में भरपूर जीया और चैम्पियन बनकर 4 करोड़ 80 लाख रुपए के प्रथम पुरस्कार को जीतने का गौरव प्राप्त किया। खुद शेन ने भी नहीं सोचा था कि जिस युवा टीम को लेकर वे टूर्नामेंट में उतर रहे हैं, उसमें नामी सितारे गायब हैं, युवाओं की फौज है और इन्हीं युवाओं के सहारे वे नामी टीमों को हराकर चैम्पियन बनेंगे।
शेन दूसरी टीमों की भाँति किसी कमरे में बैठकर टीम मीटिंग नहीं लेते थे, बल्कि कभी स्विमिंग पूल के किनारे तो कभी 'बार' में बियर की चुस्कियों के साथ योजना बनाते। हर खिलाड़ी से दोस्ताना अंदाज में बात करके उसके किरदार को निभाने के लिए उसे प्रेरित करते
टीम मीटिंग का नायाब तरीका : शेन के खुद के पास अनुभव की जमापूँजी के अलावा और कुछ नहीं था। टेस्ट में 708 और वनडे में 293 विकेट अपने नाम करने वाले 38 बरस और 263 दिन की उम्र वाले इस शख्स ने टीम की कप्तानी के साथ कोचिंग का दायित्व भी निभाया। वे दूसरी सितारा टीमों की भाँति किसी कमरे में बैठकर टीम मीटिंग नहीं लेते थे, बल्कि कभी स्विमिंग पूल के किनारे तो कभी 'बार' में बियर की चुस्कियों के साथ योजना बनाते। हर खिलाड़ी से दोस्ताना अंदाज में अलग-अलग बात करके उसके किरदार को निभाने के लिए उसे प्रेरित करते।
यही तमाम खूबी राजस्थान रॉयल्स को 14 लीग मैचों में 22 अंकों के साथ शीर्ष पर ले गई। लीग में इस टीम ने 11 मैच जीते और सिर्फ तीन हारे। फाइनल मुकाबले में राजस्थान के रणबांकुरे शाही शान के साथ चैम्पियन बने। शेन वॉर्न पहली दफा भारत की मृत कही जाने वाली विकेटों पर गेंदबाजी नहीं कर रहे थे, बल्कि वे जब भी भारत दौरे पर आए, उनकी गेंदों की जमकर धुनाई हुई, लेकिन आईपीएल में तो उन्होंने चमत्कार ही कर डाला।
शेन ने कुल जमा 15 मैचों में हिस्सा लिया और 404 रन खर्च करके 19 विकेट लिए। सबसे सफल गेंदबाजों के पायदान पर वे दूसरे स्थान पर खड़े नजर आए, जबकि 22 विकेट लेकर उन्हीं की टीम के सोहेल तनवीर अव्वल रहे
शेन ने कुल जमा 15 मैचों में हिस्सा लिया और 404 रन खर्च करके 19 विकेट लिए। सबसे सफल गेंदबाजों के पायदान पर वे दूसरे स्थान पर खड़े नजर आए, जबकि 22 विकेट लेकर उन्हीं की टीम के सोहेल तनवीर अव्वल रहे। शेन की टीम ने न केवल अपने घर (राजस्थान) में सभी मैच जीते, बल्कि चेन्नई जाकर चमड़ी झुलसा देने वाली गर्मी में खेलकर भी जीत दर्ज की।
साथियों का भरपूर साथ मिला : शेन को अपने युवा साथियों शेन वॉटसन का भरपूर साथ मिला, जिन्हें 4 मैचों में 'मैन ऑफ द मैच' से नवाजा गया। वॉटसन ने 15 मैच में 472 रन बनाए और वे टॉप टेन में चौथे नंबर पर रहे। शेन ने सोहेल तनवीर के साथ-साथ यूसुफ पठान का भी भरपूर इस्तेमाल किया। पठान ने 435 रन बनाने के अलावा 8 विकेट भी झटके।
राजस्थान रॉयल्स के ही स्वप्निल असनोदकर को आईपीएल की नई खोज कहा जा सकता है। शेन ने इस युवा बल्लेबाज पर भी भरोसा किया और उन्हें 9 मैचों में मैदान में उतारा। असनोदकर ने 311 रन ठोंककर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। राजस्थान की सफलता का एक कारण यह भी नजर आता है कि कप्तान खुद ही मैदान में खेल भी रहा था और कोचिंग भी कर रहा था, जबकि दूसरी टीमों के कोच मैदान से बाहर रणनीति तय कर रहे थे। बस, यही फर्क राजस्थान को आईपीएल का सिरमौर बनाने में मददगार साबित हुआ।
1995 में शेन का विवाह मशहूर मॉडल सिमोन से हुआ था, लेकिन रंगीन मिजाज के शेन ने पत्नी के साथ अन्य महिलाओं से भी अपने संबंध रखे। 38 वर्षीय सिमोन से 2005 वे अलग हो गए थे, लेकिन जब दूसरी महिलाओं से भी उन्हें बेवफाई मिली
शेन का दूसरा रूप : शेन वॉर्न ने जनवरी 2007 में टेस्ट और 10 जनवरी 2005 में एक दिवसीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। सालों तक वे क्रिकेट नहीं बल्कि अपनी दूसरी हरकतों की वजह से मीडिया की सुर्खियों में रहे। 1995 में शेन का विवाह मशहूर मॉडल सिमोन से हुआ था, लेकिन रंगीन मिजाज के शेन ने पत्नी के साथ अन्य महिलाओं से भी अपने संबंध रखे। 38 वर्षीय सिमोन से 2005 वे अलग हो गए थे, लेकिन जब दूसरी महिलाओं से भी उन्हें बेवफाई मिली, तब शेन ने अपने तीन बच्चों की खातिर दोबारा सिमोन से समझौता कर लिया।
क्रिकेट में दखल रखने वालों को याद ही होगा कि शेन ने डोना राइट नाम की नर्स को इतने अधिक अश्लील एसएमएस भेजे कि मामला अखबारों के पहले पन्ने तक पहुँच गया। शेन को अपनी शर्मसार करने वाली हरकत पर माफी माँगना पड़ी। इसके बाद शेन की जिन्दगी में 20 साल की रेबेका वेडन नाम की छात्रा आई और उससे भी शेन के अवैध संबंध रहे। शेन वॉर्न के 'सेक्स स्कैंडल' को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने भी खूब भुनाया और अपनी लोकप्रियता बढ़ाते रहे।
कामयाबी से पीछे छोड़ा विवादों को: दुनिया में सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाला यह शख्स इतना बदनाम हो गया था कि जहाँ भी वह जाता, उसे शंका की नजर से देखा जाता। 2003 के विश्व कप के ठीक पूर्व शेन पर ड्रग्स लेने का आरोप लगा और बदले में 1 साल के प्रतिबंध की सजा भुगती। शेन की जिन्दगी विवाद का पर्याय बन गई थी। खास बात यह रही कि शेन पर जब भी आरोप लगते, वे उनसे बरी होकर मैदान में नए शेन के रूप में नजर आते। उनकी कामयाबी उनसे जुड़े विवादों को मीलों पीछे छोड़ देती।
शेन ने पिकनिक नहीं मनाई : जब उन्हें राजस्थान रॉयल्स ने टीम का कप्तान बनाया तो क्रिकेट के जानकारों के जेहन में सिर्फ यही खयाल आया कि शेन अब रिटायर होकर आईपीएल में पिकनिक मनाने आए हैं और पहला मैच जब राजस्थान रॉयल्स बुरी तरह हारी तो इस सोच पर मुहर लग गई, लेकिन इस हार ने शेन के दिमाग को इतना झकझोर दिया कि पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने अपने क्रिकेट जीवन का तमाम अनुभव झोंक दिया। एक ऐसी अनजान टीम को वे चैम्पियन का खिताब दिलाने में सफल रहे, जो सटोरियों की नजर में सबसे फिसड्डी टीम है।
अब जबकि आईपीएल में ट्वेंटी-20 का तूफान थम गया है, खिलाड़ी अपने वतन लौटने की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में सबसे ज्यादा हसीन यादें लेकर शेन ही जाएँगे और अपने पीछे छोड़ जाएँगे उन रोमांचक लम्हों को, जिनके बूते पर उनकी टीम आईपीएल चैम्पियन बनी। आने वाले कई दिनों तक लोगों की जुबाँ पर राजस्थान रॉयल्स और शेन वॉर्न के हुनर के अलावा और कुछ बातें नहीं होंगी।