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Written By भाषा
Last Modified: वॉशिंगटन (भाषा) , शुक्रवार, 28 नवंबर 2008 (18:28 IST)

मुंबई हमलों में अलकायदा की झलक

मुंबई हमलों में अलकायदा की झलक -
विश्व की प्रमुख ताकतों की खुफिया एजेंसियाँ और आतंकवाद के बारे में गहन जानकारी रखने वाले लोग मुम्बई में हुए भीषण आतंकवादी हमलों में अलकायदा की कार्यप्रणाली का अक्स देख रहे हैं।

आतंकवाद के विभिन्न पहलुओं के जानकार लंदन के जार्ज कासीमेरिस ने कहा कि समुद्र के रास्ते मुम्बई में घुसे आतंकवादियों ने अलकायदा के ब्लूप्रिंट के मुताबिक काम किया। तहलका मचाना अलकायदा का मकसद होता है और मुम्बई में आतंकवादियों ने भी यही किया।

वोल्वेरहैम्पटन विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शोधकर्ता कासीमेरिस ने कहा अलकायदा ने आतंकवादी कार्रवाइयों के लिए ब्लूप्रिंट तैयार किया है और अब दुनिया के दूसरे संगठन उसकी नकल कर रहे हैं।

उन्होंने कहा इस्लामिक कट्टरपंथी संगठनों ने बिना किसी चेतावनी के नागरिकों को निशाना बनाने की कार्यप्रणाली अपना ली है। मुम्बई में आतंकवादियों द्वारा अमेरिकी और ब्रिटिश नागरिकों को पकड़ने का मकसद अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान अपनी ओर खींचना था।

कासीमेरिस ने कहा आतंकवादियों की कोई विशेष या तर्कसंगत योजना नहीं होती। उनका मकसद सिर्फ तबाही मचाना होता है और वे किसी भी वक्त ऐसा कर सकते हैं।

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के वरिष्ठ अधिकारी तथा व्हाइट हाउस की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के दक्षिण तथा पश्चिम एशिया इकाई के पूर्व वरिष्ठ निदेशक ब्रूस रीडेल ने कहा कि मुम्बई में हुए हमलों का तरीका अलकायदा से जुडे़ लश्कर-ए-तोयबा जैसे संगठन से मिलता-जुलता है।

पाकिस्तान के इस संगठन के तार वहाँ की खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी जुडे़ हैं। रीडेल ने कहा भारत विशेषकर मुम्बई पिछले कई वर्षों से आतंकवादियों का मुख्य निशाना बन रहा है।

उन्होंने कहा अलकायदा से जुडे़ लश्कर-ए-तोयबा जैसे कट्टरपंथी आतंकी संगठन अब तक ऐसे अनेक हमलों को अंजाम दे चुके हैं। मास्को की एक गुप्तचर एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने मुम्बई में हुए आतंकवादी हमलों को अलकायदा से जुडे़ हुए किसी संगठन की कारगुजारी करार देते हुए कहा रूस की खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली है कि मुम्बई में हुए आतंकवादी हमलों का अलकायदा से सम्बन्ध है।

अधिकारी ने बताया विशेषकर लश्कर-ए-तोयबा के आतंकवादियों को भारत और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित अलकायदा के शिविरों में विशेष प्रशिक्षण हासिल होता है।

अमेरिका में ट्विन टॉवर और सैन्य मुख्यालय पेंटागन में अप्रत्याशित हमले करने वाले अलकायदा का अब तक दुनिया के विभिन्न देशों में आतंकवादी गतिविधियों में हाथ रहा है।

एक अन्य विशेषज्ञ प्रोफेसर रिचर्ड बोनी ने मुम्बई में हुए हमलों की तुलना गत 20 सितम्बर को पाकिस्तान के मैरियट होटल में हुए जबर्दस्त फिदायीन हमले से की। उन्होंने कहा मुम्बई में हुए हमले ज्यादा खतरनाक और योजनाबद्ध थे।

ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड मिलिबैंड का भी मानना है कि मुम्बई में हुए आतंकवादी हमले अलकायदा के नक्शेकदम पर चलकर किए गए। उन्होंने कहा हालाँकि इस हमले में अलकायदा के निश्चित रूप से शामिल होने की बात अभी नहीं कही जा सकती, लेकिन हो भी सकता है कि इन वारदात में अलकायदा का भी हाथ हो।