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Last Modified: शनिवार, 27 दिसंबर 2014 (13:55 IST)

क्या वियाग्रा से याददाश्त बढ़ती है?

क्या वियाग्रा से याददाश्त बढ़ती है? - Viagra
यौन समस्याओं के इलाज के लिए सर्वाधिक प्रचलित दवाई वियाग्रा से क्या स्मृति या याददाश्त में सुधार होता है? वैज्ञानिकों का मानना है कि यह दवा डिमें‍शिया के प्रारम्भ को रोकने में कारगर हो सकती है। वैस्कुलर डिमेंशिया, डिमेंशिया की दूसरा सबसे आम रूप है।
 
विदित हो कि यह मस्तिष्क में रक्त ले जाने वाली वाहिनियों के क्षतिग्रस्त के कारण होती है जिनके कारण मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इस कारण से मस्तिष्क का एक भाग क्षतिग्रस्त हो जाता है। इसी कारण से मरीज को बहुत सारी बातें याद रखने में परेशानी होती है और वह भूल जाता है। व्याग्रा जैसी एक अन्य दवा जिसे टैडलफिल कहा जाता है, रक्त वाहिनियों में रक्त मार्ग को चौड़ा कर देती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस दवा से भी डिमेंशिया का इलाज किया जा सकता है और यह इस बीमारी की शुरुआत को सफलतापूर्वक रोक सकती है। 
 
मेल ऑनलाइन के लिए मैडलेन डैवीस लिखती हैं कि वैज्ञानिक मानते हैं कि वियाग्रा से डिमेंशिया की शुरुआत पर रोक लगाई जा सकती है। विदित हो कि अकेले ब्रिटेन में ही वैस्कुलर डिमेंशिया के एक लाख दस हजार रोगी हैं। जब मस्तिष्क की छोटी रक्त वाहिनियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और इस कारण से मस्तिष्क के टिशूज (उत्तकों) में कम रक्त पहुंचता है तब इस कारण से रक्त वाहिनी की दीवार मोटी और कड़ी हो जाती है जोकि मस्तिष्क की रक्त की बदलती हुई जरूरत को पूरा करने में असमर्थ हो जाती है।  
 
मस्तिष्क में रक्त की कमी और इसके परिणामस्वरूप मस्तिष्क में कम ऑक्सीजन की कमी के चलते मस्तिष्क क्षतिग्रस्त हो जाता है और आदमी डिमेंशिया का मरीज हो जाता है। इस बीमारी के कारण बीमार की स्मृति का लोप हो जाता है, वह सोचने और प्रतिदिन की सामान्य गतिविधियों को करने में भी समर्थ नहीं रह पाता है। इस कारण से बूढ़े लोगों का 50 से 70 फीसदी तक मस्तिष्क क्षतिग्रस्त हो जाता है।
 
विदित हो कि सारी दुनिया में अभी डिमेंशिया के तीन करोड़ 56 लाख मरीज हैं और प्रतिवर्ष 77 नए  व्यक्ति इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि बुढ़ापे में ज्यादा सोने से भी इस बीमारी का अधिक खतरा होता है। पर अब वैज्ञानिक टैडलफिल और व्याग्रा की मदद से बीमारी के रोक लगाने के उपायों वाले प्रयोग कर रहे हैं।