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सावधान! टीनएजर्स सोशल मीडिया के जोखिम से हैं अनजान

सावधान! टीनएजर्स सोशल मीडिया के जोखिम से हैं अनजान - Teenagers, Social media, expose personal information
आजकल सोशल मीडिया टीनएजर्स का दूसरा घर बन गया है। सोशल मीडिया पर बढ़ते दोस्तों की संख्या से लेकर अपनी  हर बात शेयर करना मानों अब आम हो गया है। लेकिन, क्या पर्सनल जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करना सेफ  है? अगर सेफ है तो कितना सेफ है। कई बार टीनएजर्स सोशल मीडिया पर ज्यादा पर्सनल जानकारी डालकर समस्याओं में फंस जाते हैं।  
एक स्टडी के मुताबिक टीनएजर्स सोशल मीडिया पर खतरे को अनदेखा करते हुए अपनी निजी जानकरी डाल देते हैं। पेनसालवानिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक टीनएजर्स अपनी निजी जानकारी या निजी फोटो सोशल मीडिया पर डालने से पहले बिल्कुल भी नहीं सोचते वे तुरंत जानकारी डाल देते हैं।

उन्होंने बताया कि जब एडल्ट लोग सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी पोस्ट करते हैं तो सोच समझकर पोस्ट करते हैं, लेकिन ऐसा टीनएजर्स नहीं करते।    
 
उन्होंने बताया कि टीनएजर्स सोशल मीडिया पर डाली जा रही जानकारी के परिणाम के बार में पहले नहीं सोचते बल्कि  बाद में सोचते हैं जब वे पोस्ट डाल चुके होते हैं।  
 
इस स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने पियू रिसर्च सेंटर 2012 के 'टीन्स मैनेजमेंट प्राइवेसी मैनेजमेंट सर्वे' से डाटा का  इस्तेमाल किया।  
 
इस सर्वे में यूएस के 588 टीनएजर्स को सेंपल के रूप में चुना गया। ध्यान में रखते हुए उन्हीं टीनएजर्स को चुना गया  जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। इनमें से अधिकतर टीनएजर्स सोशल मीडिया जैसे कि फेसबुक के एक्टिव यूजर्स  हैं।
 
टीनएजर्स अपनी बातों को सोशल मीडिया पर स्वतंत्र रूप से प्रस्तुत करने का जरिया मानते हैं ताकि वे अपने दोस्तों  के बीच अपनी पैठ बना सकें। जब टीनएजर्स प्राइवेसी कारणों से समस्याओं में फंसने लगते हैं तो वे इस समस्या से  बचने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं।  इसके लिए वे अपने से बड़ों से इसकी सलाह भी लेते है, और ऑनलाइन  जानकारी जिसकी वजह से समस्या उत्पन्न हुई है उसको भी हटाते हैं।
 
कई बार होता है कि जब बात ज्यादा बढ़ जाती है तो टीनएजर्स मुश्किल में फंस जाते हैं। इसके लिए जरूरी है कि हम अपने बच्चों से लगातार बात करें व उनके सोशल मीडिया के इस्तेमाल को निगरानी में रखें।