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Last Modified: गुरुवार, 30 अक्टूबर 2014 (22:38 IST)

धर्मगुरु ताहिर उल कादरी ने पाकिस्तान छोड़ा

धर्मगुरु ताहिर उल कादरी ने पाकिस्तान छोड़ा - Tahir ul Qadri
लाहौर। पाकिस्तान की राजधानी में अपने दो महीने लंबे सरकार विरोधी प्रदर्शन को अचानक खत्म करने के बाद धर्मगुरु ताहिर उल कादरी ने देश छोड़ दिया है, जिससे ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ कोई सौदेबाजी हुई है। अपनी विदेश यात्रा से पहले पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) प्रमुख ने कहा कि उनकी यात्रा का उद्देश्य अपनी पार्टी को संगठित करना और उसके लिए कोष जुटाना है।
जियो न्यूज की खबर के मुताबिक कनाडा अधारित धर्मगुरू ने कहा कि पीएटी के धरना ने कामगारों और आम आदमी में राजनीतिक जागरूकता पैदा की है तथा उनकी यात्रा के बाद राष्ट्रीय राजनीति में बदलाव आएगा। कादरी ने कल देश छोड़ा है। हालांकि उन्होंने 17 नवंबर को लौटने की बात कही है।
 
वहीं, विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने आरोप लगाया है कि कादरी ने शरीफ बंधुओं के साथ एक सौदेबाजी करने के बाद अपना धरना खत्म कर दिया और देश छोड़ कर चले गए।
 
पीपीपी के वरिष्ठ नेता राजा रियाज ने दावा किया, ‘कादरी को धरना खत्म करने के लिए पीएमएल..एन सरकार से 65 करोड़ रुपए मिले थे। सरकार सौदेबाजी के तहत करीब 40 मामले बंद भी करेगी, जिनमें एक देशद्रोह का मामला और उनके खिलाफ हत्या के आरोप शामिल हैं।’ 
 
रियाज ने आरोप लगाया कि शरीफ और कादरी के कुछ मित्रों ने उनके बीच सौदेबाजी में मध्यस्थता की।
 
उन्होंने बताया, ‘इमरान खान के साथ सरकार को अपदस्थ करने में नाकाम रहने के बाद कादरी सम्मानजनक तरीके से देश छोड़ना चाहते थे और शरीफ ने उन्हें कनाडा की वापसी के लिए एक उपयुक्त मंच मुहैया कराया।’ 
 
हालांकि कादरी ने सरकार के साथ किसी तरह की सौदेबाजी की बात से इनकार किया है। उन्होंने कहा, ‘यदि शरीफ के साथ सौदेबाजी को कोई साबित कर दे तो मैं पांच करोड़ रुपया दूंगा।’ 
 
धरना को अचानक खत्म किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कादरी ने कहा कि पीएमएल.एन सरकार को मिल रहे कुछ ‘सुपर पावर’ के समर्थन के चलते उन्हें ‘प्रदर्शन की राजनीति से चुनावी राजनीति’ की अपनी रणनीति में तब्दीली करने को प्रेरित किया ताकि देश में क्रांति लाई जा सके। 
 
कादरी ने कहा कि मेरे कार्यकर्ताओं ने खासतौर पर 30 और 31 अगस्त की रात तमाम तरह की मुश्किलों के बावजूद इस्लामाबाद में 70 दिनों के धरने के दौरान करिश्मा किया जब प्रदर्शनकारियों ने पीटीवी इमारत पर कब्जा कर लिया था। इसने नवाज शरीफ सरकार की नींव हिला कर रख दी थी लेकिन कुछ सुपर पावर इसके बचाव में आ गए।
 
कादरी ने बताया कि उनके पास दो विकल्प थे..या तो वे अपने समर्थकों को संसद पर कब्जे के लिए आगे बढ़ाते या अपनी रणनीति की समीक्षा करते और बेहतर रास्ता अपनाते।
 
उन्होंने कहा, ‘मैंने चुनावी राजनीति का रास्ता चुना और धरना खत्म कर दिया।’ पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने सरकार विरोधी आंदोलन खत्म करने के कादरी के फैसले पर नाराजगी जताई थी।
 
खान और कादरी अगस्त से प्रदर्शन कर रहे थे। कादरी ने अपना प्रदर्शन खत्म कर लिया जबकि खान ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे और नए सिरे से चुनाव कराने के लिए अपना प्रदर्शन जारी रखा है। (भाषा)