भारत देगा अमेरिका को भी मात 'सुपर हथियार' से...
जल्दी ही भारत आसमान में अमेरिका को भी मात दे सकेगा। जी हां, भारत को मिलने वाला है पांचवी पीढ़ी का एक नया लड़ाकू जेट विमान जो किसी भी रडार की पकड़ में नहीं आता है और हवा में कलाबाजियां खाने में उस्ताद है। अपने परंपरागत सहयोगी रूस के साथ मिलकर भारत पांचवी पीढ़ी का एक नया सुपर लड़ाकू विमान विकसित कर रहा है। रूस और भारत के सहयोग से बनने वाले इस विमान को किसी भी रडार से छुपाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस विमान में उपयोग की गई प्रौद्योगिकी पांचवीं पीढ़ी के अमेरिकी लड़ाकू जेट से भी बढ़कर है। सैन्य विशेषज्ञों ने इसे एक 'सुपर हथियार' का दर्जा देते हुए इसे अमेरिकी एफ 22 रेप्टर से उन्नत बताया है।
TA-50 PAK FA नाम के इस लड़ाकू विमान को सुखोई द्वारा भारत के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। भारत टी-50 कार्यक्रम की कुल लागत 20 बिलियन डॉलर का 25 प्रतिशत निवेश कर रहा है, जिसके बदले में यह तकनीक भारतीय वायुसेना के पास भी आ सकेगी। रूस के अनुसार यह विमान 2016 तक तैयार हो जाएगा।
प्रत्येक टीए-50 PAK FA की कीमत 50 मिलियन डॉलर होगी और इसे भारत के लिए खासतौर पर डिजाइन किया जा रहा है। उल्लेखनीय है रूस भारत के लिए सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश और सहयोगी है। पिछले कुछ सालों में आतंक के विरुद्ध लड़ाई के चलते पाकिस्तान को अमेरिका द्वारा उन्नत लडाकू विमान एफ 16 और अन्य सैन्य साजो-सामान देने के बाद से ही भारत को पांचवी पीढ़ी के उन्नत युद्धक विमान की दरकार है।
रूस के राष्ट्रपति पुलिन ने भी इस युद्धक विमान को अमेरिका के एफ 22 से बहुत उन्नत और कारगर बताया है। एविशन एक्स्पर्ट के अनुसार अमेरिका के पास इस समय स्टेल्थ तकनीक के 2 प्रमुख युद्धक विमान है एफ 22 रेप्टर और एफ 35 लाइटनिंग 2 ही है। हालांकि सुरक्षा क्षेत्र से जुडे विशेषज्ञों का मानना है कि टीए-50 PAK FA का स्टेल्थ मोड उतना प्रभावी नहीं है जितना कि दावा किया जा रहा है। भारत और रूस का संयुक्त मिसाइल कार्यक्रम ब्रह्मोस भी बेहद सफल रहा है और क्षेत्र में भारत के उभरते प्रभाव से चलते आने वाले समय में भारत द्वारा अपनी सेना का आधुनिकीकरण होना तय है।
परंतु यह बात सभी स्वीकार करते हैं कि टीए-50 PAK FA के भारतीय वायुसेना के पास आने के बाद संपूर्ण एशिया में भारत का दबदबा बढ़ना तय है।