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Last Updated : सोमवार, 25 मई 2015 (15:29 IST)

सेक्स के लिए मना करने पर जला देते थे लड़कियों को...

सेक्स के लिए मना करने पर जला देते थे लड़कियों को... - Sex, Islamic state, Woman, Yazdis, assault
वॉशिंगटन। दुनिया में आतंक का परिचायक बन चुके इस्लामिक स्टेट ने लोगों का जीना हराम कर रखा है। इस्लामिक स्टेट से जुड़ा हुआ एक और किस्सा सुनने को मिल रहा है। यूएन के एक अधिकारी ने एक न्यूज वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा है कि आईएस आतंकी लड़कियों और महिलाओं को रेप और वेश्यावृति के लिए मजबूर कर रहे हैं।
संघर्ष वाले क्षेत्र में यौन अपराधों पर नजर रखने वाले यूएन के विशेष प्रतिनिधि जैनाब बांगुरा ने हाल ही में हिंसाग्रस्त सीरिया और इराक के राहत शिविरों का दौरा किया, गौरतलब हो कि इन क्षेत्रों में आईएएस का कब्जा है। 
 
उन्होंने वहां रह रही महिलाओं और लड़कियों से बात कर उनकी भयानक आपबीती सुनी। महिलाओं के इन किस्सों को बांगुरा ने अपने इंटरव्यू में साझा किया है।
 
बांगुरा के मुताबिक, राहत कैंपों में रह रहीं महिलाओं का कहना है, 'किसी गांव पर हमला करने के बाद आईएस आतंकी महिलाओं और लड़कियों को अलग कर लेते थे और बंधक बना लेते थे। लड़कियों के कपड़े उतरवाकर उनकी वर्जिनिटी की जांच की जाती थी, साथ ही उनके ब्रेस्ट की भी जांच की जाती है।
 
लड़कियों को रक्का (आईएस कब्जे वाला शहर) ले जाया जाता था, जहां उन्हें बेचा जाता है। वर्जिन और खूबसूरत लड़कियों की कीमत ज्यादा मिलती है। लड़कियों को बेचने के मामले में भी प्राथमिकताएं तय होती हैं।
 
अगले पेज पर शेखों पर होता है लड़कियो पर पहला अधिकार... 
 

लड़कियों को खरीदने का पहला अधिकार शेखों का है, उसके बाद अमीरों की बारी आती है। शेख एक बार में 4 से 5 लड़कियों को खरीद लेते हैं, और जब उनका मन भर जाता है तो बाद में बाजार में बेच देते हैं।'
 
बांगुरा के मुताबिक, 22 बार बेची गई एक लड़की ने उन्हें बताया, 'एक शेख ने उसकी बांह पर ही अपना नाम लिख दिया था, ताकि सभी को यह पता चल सके कि वह उसकी 'संपत्ति' है।' एक अनुमान के मुताबिक, आईएस द्वारा बंधक बनाई गईं लड़कियों और महिलाओं की संख्या तीन से पांच हजार के बीच है।
 
बांगुरा के मुताबिक, एक लड़की जो किसी तरह बचकर राहत कैंप पहुंचीं, ने उन्हें बताया, 'वह रेप करते, यौन दासियां बनाकर रखते और वेश्यावृत्ति के लिए धकेल देते। आईएस आतंकी से एक लड़की ने जब सेक्स करने से मना कर दिया उसे जिंदा जला दिया गया।'
 
जितनी भी महिलाएं इस्लामिक स्टेट ने अगुआ की हैं उनमें ज्यादातर यज़ीदी हैं। यज़ीदी सीरिया और ईराक में अल्पसंख्यक समुदाय है। इस्लामिक स्टेट वाले इन्हें शैतान का उपासक मानते हैं और नफरत करते हैं। इस्लामिक  स्टेट वाले इनकी महिलाओं के साथ बर्बरता वाला व्यवहार करते हैं। 
 
बांगुरा बताती हैं, वे उनके साथ बलात्कार करते हैं उनसे यौन गुलामी करवाते हैं। इस तरह के अपराध करने वाले लोगों की सोच को समझना वास्तव में बेहद मुश्किल है।           
 
सैकड़ों याजिदी महिलाएं जो या भागकर आईएस के चंगुल से आजाद हो पाई हैं या उनके संगे संबंधियों ने उन्हें पैसे देकर इस्लामिक स्टेट  के चंगुल से छुड़ाया है। बांगुरा ने आईएएस की बर्बरता से पीड़ित महिलाओं को उचित चिकित्सा और "मनोसामाजिक" समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता के लिए अपील की है।  
 
बंगूरा ने आगे बताया कि मैंने कई देशों में काम किया है जो युद्ध के माहौल से हमेशा घिरे रहे। लेकिन जो मैंने यहां सुना मेरे लिए वह बहुत ही दर्दभरा अनुभव रहा। मैंने ऐसा इसके पहले कभी नहीं देखा। मुझे इस तरह की अमानवीयता समझ में नहीं आती।     
 
बंगूरा ने चेतावनी दी कि ना ही यूएन एजेंसीज़ और ना ही वहां के क्षेत्रीय अधिकारी आईएएस के चंगुल से छूटकर वापस आईं महिलाओं के पुर्नवास के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर इनके द्वारा प्रयास किए जाते हैं तो हो सकता है कि महिलाओं को इस्लामिक स्टेट की बर्बरता से लड़ने की हिम्मत मिले।