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Last Modified: शुक्रवार, 19 सितम्बर 2014 (12:46 IST)

स्कॉटलैंड को नहीं चाहिए 'आजादी'

स्कॉटलैंड को नहीं चाहिए 'आजादी' - scotland
स्कॉटलैंड में हुए जनमत संग्रह में लोगों ने ब्रिटेन से आजादी को ठुकरा दिया है। कुल 32 में से अब तक 31 निकायों में मतों की गिनती पूरी हो चुकी है और इनमें से सिर्फ चार निकायों में आजादी के पक्ष में अधिक मतदान हुआ। जबकि 27 निकायों ने आजादी की मुहिम को खारिज कर दिया गया है। 
 
हालांकि स्कॉटलैंड के सबसे बड़े शहर ग्लासगो में आजादी के हक में ज्यादा मत पड़े। इन नतीजों पर स्कॉटिश नेशनल पार्टी की उपनेता निकोला स्टरजियोन ने निराशा जताई है। ऐसा माना जा सकता है कि जनमत संग्रह के पहले आखिरी दिनों में बहुत से लोगों ने अपना मन बदला। संभवतः उन्हें लगा कि ब्रिटेन से अलग होना एक बड़ा जोखिम है। 
 
जनमत संग्रह में मतदान के लिए मतदाताओं को जो पर्ची दी गई थी, उसमें लिखा था, क्या स्कॉटलैंड को एक स्वतंत्र देश होना चाहिए? और मतदाताओं को 'हाँ' और 'ना' के रूप में अपना मत देना था। इससे पहले, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने लोगों से अपील की थी कि वे एक साथ रहने के लिए यूनाइटेड किंगडम को बचाने के पक्ष में मतदान करें और जैसा कि अंत में परिणाम सामने आया है कि लोगों ने ब्रिटेन से अलग होने में स्कॉट लोगों का नुकसान ही नुकसान देखा। 
 
स्कॉटलैंड की 32 काउंसिल एरियाज में से 29 ने आजादी के प्रस्ताव को नकार दिया और इनमें जहां आजादी की मांग का विरोध करने वालों का प्रतिशत 55 की तुलना में 'हां' वाले मतदाताओं का प्रतिशत 45 फीसद था। इस आजादी की मांग के खारिज किए जाने के बाद एसएनपी नेता अलेक्स सालमंड को आबरडीनशायर में उपस्थित रहना था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। आजादी के समर्थन में डंडी, ग्लास्गो, नॉर्थ लैनार्कशायर और वेस्ट डनबर्टनशायर रहे, लेकिन फिर भी वे दो लाख मतों से पीछे रहे।
  
हालांकि ग्लास्गो में आजादी समर्थकों की जीत हुई लेकिन आरोप लगाए जा रहे हैं कि मतदान में कुछ सीमा तक फेरबदल करने की कोशिश की गई है। ग्लास्गो में हजारों 'हां' समर्थक जॉर्ज स्क्वायर में जमा हुए हैं और उन्होंने यूनियन जैक को जलाया। इनमें से कुछ को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इस अवसर पर डेविड कैमरन देश को संबोधित करेंगे और महारानी ने भी फैसले पर खुशी जाहिर की है और उनकी ओर से कल एक बयान जारी किया जाएगा। एलेक्स सालमंड ने अपनी हार मान ली है, लेकिन कहा है कि वे जनता की आवाज को मुखरता देते रहेंगे। हालांकि 55 फीसदी लोगों द्वारा एकीकरण के पक्ष में राय जाहिर की गई लेकिन सालमंड का कहना था कि उनकी अलगाव की लड़ाई जारी रहेगी। 
 
फर्स्ट मिनिस्टर ने वन स्कॉटलैंड के बैनर के तले एक आपातकालीन बयान जारी किया और अन्य वेस्ट मिनिस्टर दलों को चुनौती दी कि वे अपने वायदों पर अटल रहें। डिप्टी फर्स्ट मिनिस्टर निकोला स्टरजियोन ने इसे हार मानने से इनकार करते हुए कहा है कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी। आज सुबह तड़के सालमंड ने कैमरों से बचते हुए एक निजी विमान से आबरडीन से एडिनबर्ग की यात्रा की। पर एक ट्‍विटर पर संदेश में उन्होंने ग्लास्गो शहर और इसके मेयर की प्रशंसा की। अब इस बात की पूरी-पूरी संभावना है कि एलेक्स सालमंड को स्कॉटलैंड के फर्स्ट मिनिस्टर के पद से हटा दिया जाएगा।