पासेडाना। पृथ्वी की कक्षा में चक्कर काट रहे रूस के एक रहस्यमय यान के उपग्रह मारक हथियार होने का संदेह जताया जा रहा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा) के आर्बिटल मन्यूवर प्रोग्राम की देख-रेख कर रहे अधिकारियों का मानना है कि यह रहस्यमय यान 2014 टू बीई-इस वर्ष मई में रूस द्वारा तीन रक्षा संचार उपग्रहों के साथ ही प्रक्षेपित किया गया था।
नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि रूस ने संचार उपग्रह छोड़े जाने की जानकारी तो दी थी लेकिन इस रहस्यमय यान के बारे में कुछ नहीं बताया था। ऐसे में शुरू में यही माना जा रहा था कि यह अंतरिक्ष में छूट गया किसी यान का मलबा है, लेकिन पिछले कुछ सप्ताह से इसे पृथ्वी की कक्षा में विभिन्न पथ पर जब कई बार अलग-अलग तरीकों से चक्कर लगाते पाया गया तो इस पर संदेह हुआ।
रक्षा क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिक कई बार यह कहते रहे हैं कि दूसरे देशों के टोही उपग्रहों को नष्ट करने के लिए कुछ देश नायाब किस्म के हथियारों या यान का इस्तेमाल कर सकते हैं जिनमें से रूस भी एक है। चीन के पास भी ऐसी तकनीक मौजूद है जिसके जरिए वह अपना एक मौसम उपग्रह नष्ट भी कर चुका है। अमेरिका ने भी बेकार पड़े अपने एक यान को वर्ष 2008 में ऐसे ही नष्ट किया था।
न्यूपोर्ट में स्थित अमेरिकी नौसेना कॉलेज में राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों से जुड़ी अधिकारी जोआन जान्सन के अनुसार विभिन्न किस्म से चक्कर लगाने वाले यान टोही या मारक हथियार हो सकते हैं, लेकिन सभी ऐसे हों यह जरूरी नहीं है इसलिए किसी भी निष्क्रिय पर पहुंचने के पहले सारी पड़ताल कर लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हो सकता है रूस ने यह यान किसी और तरह के परिक्षणों के लिए छोड़ रखा हो। उन्होंने इसके लिए अमेरिका द्वारा डार्ट और एक्सएसएस 11 के परीक्षण का हवाला देते हुए कहा कि उस समय कई देश इसे लेकर दहशत में आ गए थे और यह अफवाह फैल गई थी कि अमेरिका ने अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ शुरू कर दी है जबकि हकीकत यह नहीं थी ऐसे में रूसी यान के साथ भी ऐसा ही कुछ हो सकता है।
यूक्रेन के मसले को लेकर अमेरिका और रूस के रिश्तों में काफी तनाव आ जाने के कारण रूसी यान को लेकर लोगों में ज्यादा संदेह पैदा हो गया है। वैसे रूसी अधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। हो सकता है वह यह सोच रहे हों कि चलो अच्छा है..इसी बहाने सब हमसे डर कर तो रहेंगे। (वार्ता)