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Last Updated :पेरिस , मंगलवार, 1 दिसंबर 2015 (01:16 IST)

जलवायु पर जिम्मेदारी निभाएं विकसित देश : मोदी

जलवायु पर जिम्मेदारी निभाएं विकसित देश : मोदी - Prime Minister Modi in climate change conference Paris
पेरिस। प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में कहा, लोगों और ग्रह को एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता। विकसित देशों को महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की ओर बढ़ना चाहिए, क्योंकि प्रभावों का सामना करने के लिए उनके पास अधिक गुंजाइश है।













 


उन्‍होंने कहा, हम वर्ष 2020 तक जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और अनुकूलन के लिए वार्षिक रूप से 100 अरब डॉलर सालाना की राशि जुटाने के लिए विकसित देशों से उम्मीद करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, समानता के सिद्धांत लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियां हमारी सामूहिक उद्यमशीलता के मूल सिद्धांत बने रहने चाहिए। विकसित देशों को महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की ओर बढ़ना चाहिए, क्योंकि प्रभावों का सामना करने के लिए उनके पास अधिक गुंजाइश है।
 
पेरिस सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर यहां आए मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत फ्रांसीसी लोगों के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए की और कहा कि मुश्किल घड़ी में विश्व की शानदार तरीके से मेजबानी करने के लिए भारत दिल की गहराइयों से फ्रांस की सराहना करता है।


समारोह की सह अध्यक्षता के लिए ओलांद का शुक्रिया अदा करते हुए मोदी ने विश्व की ओर से प्रकृति के संबंध में उद्धरण की एक पुस्तक के उनके विचार के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति का आभार जताया।
 
मोदी ने कहा, उनके साथ प्रस्तावना का सह लेखक बनकर मैं सम्मानित हुआ हूं। उन्होंने साथ ही कहा, प्राचीन समय से ही विभिन्न सभ्‍यताओं ने सूर्य को विशेष स्थान दिया है। मोदी ने आधुनिक देशों से विकास के लिए विकासशील देशों की खातिर पर्याप्त कार्बन स्पेस छोड़ने का आह्वान किया और कहा कि इससे विकास का एक ऐसा रास्ता बनेगा जिस पर कार्बन फुटप्रिंट कम होंगे।
 
उन्होंने कहा, इसलिए अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी और ऊर्जा के बीच सम्मिलन से हमारा भविष्य परिभाषित होना चाहिए। बहुसंख्यक मानवता को बारहों मास सूर्य की भरपूर रोशनी का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। फिर भी, बहुत से ऊर्जा स्रोत के बिना भी हैं। इसलिए यह गठबंधन इतना महत्वपूर्ण है। 
 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम सौर ऊर्जा को अपनी जिंदगियों और अपने घरों में लाना चाहते हैं, इसे सस्ता बनाकर, अधिक भरोसेमंद बनाकर और ग्रिड से आसानी से जोड़कर। हम शोध और नवोन्मेष में सहयोग करेंगे। हम ज्ञान को साझा करेंगे तथा सर्वश्रेष्ठ कार्यों का आदान-प्रदान करेंगे। 
 
उन्होंने कहा, हम सौर क्षेत्र में निवेश को आकषिर्त करेंगे, संयुक्त उद्यम को प्रोत्साहन देंगे और नवोन्मेषी वित्तीय प्रणालियां विकसित करेंगे। हम नवीकरणीय ऊर्जा के संबंध में अन्य अंतरराष्ट्रीय पहलों के साथ भागीदारी करेंगे। 
 
मोदी ने कहा, मुझे उद्योग जगत की प्रतिक्रिया से खुशी है। इससे बेहिसाब आर्थिक अवसर पैदा होंगे जो इस सदी की नई अर्थव्यवस्था की आधारशिला बनेंगे। उन्होंने कहा, हम पांच साल के लिए संचालन का समर्थन करेंगे और मिलकर अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए दीर्घावधि कोष जुटाएंगे। (भाषा)