गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
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यह क्या? एक घंटे में 90 बार चरमसुख!

यह क्या? एक घंटे में 90 बार चरमसुख! - orgasms
एक मां, जो प्रत्येक घंटे में 90 बार आर्गेज्म महसूस करती है, का कहना है कि इस दुर्लभ यौन बीमारी के कारण उसका जीवन नर्क बन गया है। कारा अनाया का कहना है कि एक सामान्य आदमी के लिए यह आश्चर्यजनक बात लग सकती है, लेकिन मेरे लिए यह अधूरी और शर्मनाक बात है। बच्चे को लेने के लिए स्कूल जाना भी उनके लिए चिंता की बात है।
 
कारा परसिस्टेंट जेनीटल अराऊजल डिसऑर्डर से पीडि़त हैं और ऐसे में उनको बच्चे को लेने को स्कूल जाना या शॉपिंग करना बहुत ही शर्मनाक बात हो जाती है। एरिजोना, अमेरिका की तीस वर्षीय कारा अनाया का तीन वर्ष पहले इस असाध्य बीमारी का इलाज किया गया था, जिसका कोई इलाज नहीं‍ किया जा सका और उन्हें आज भी प्रतिदिन अपने आप होने बाले आर्गेज्म का अनुभव करना पड़ता है।
 
हालांकि यह एक सुखद अनुभव कहा जा सकता है, लेकिन कारा के लिए यह ऐसा नहीं है। कारा अपने पति टोनी कार्लिसी (34) और दस वर्षीय बेटे मेरिक के साथ रहती हैं। उनका कहना है कि यह अनुभव लज्जाजनक और अपमानजनक है।  
 
उनका कहना है कि जब आपके आसपास बच्चे होते हैं, तब आपको एक विकृत व्यक्ति होने का अहसास होता है। इसलिए सोचिए कि आप कक्षा से बच्चे को लाने में मदद नहीं कर सकते क्योंकि बच्चे आपकी स्थिति नहीं समझते, बच्चों के पालक भी आपकी हालत को नहीं समझ सकते हैं।
 
जब उत्तेजना बढ़ती है तो... पढ़ें अगले पेज पर...

स्कूल तक जाना भी चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि आपके शरीर में तेज भावनाओं का असर होता है। उत्तेजना बढ़ती जाती है और आप को तब तक कार में रहना पड़ता है जब तक कि यह स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। मेरे बेटे के जीवन में भी मेरा योगदान समाप्त हो गया है। मैं खुद को गंदा समझती हूं। 
 
हम चाहते हैं कि वह एक सामान्य बच्चे जैसा रहे, लेकिन उसके मित्र नहीं बन सकते हैं क्योंकि वह अपनी मां की इस हालत के चलते अपने दोस्तों को घर नहीं ला सकता है। सबसे बुरी बात यह है कि मैं उसको भी नहीं समझा सकती हूं क्यों‍कि वह बहुत छोटा है। इस तरह की स्थिति के साथ जीना कारा के लिए बहुत कठिन साबित हुआ है, शुरुआत में वह अकेली रहने लगी, अपना काम छोड़ दिया और अपने घर से भी कहीं बाहर जाने की हालत में नहीं रही।
 
टोनी से 11 वर्ष पहले विवाह करने वाली कारा अब सबके सामने नहीं रहती है। पार्क जैसी खुली जगह पर नहीं जा सकती है ताकि कोई भी उनकी उत्तेजना को समझ नहीं सके। 
 
उनका कहना है कि पहले मुझे अपनी उत्तेजना पर काबू पाना पड़ता था। अब मैं सपाट चेहरा बनाए रखती हूं और इस दौरान तेज-तेज सांसें लेती हूं। उत्तेजना शरीर के अंदर बढ़ती जाती है और यह पूरे शरीर पर काबू पा लेती है। क्षणिक उत्तेजना के चलते मुझे हंसने का अहसास होता है, लेकिन बाहरी तौर पर मैं शांत रहती हूं जबकि अंदर ही अंदर यह एक प्रताड़ना का अहसास दिलाती है।
 
इस चरमसुख से शरीर पर क्या हो रहा है असर... पढ़ें अगले पेज पर...

यह मेरे शरीर को नष्ट कर रही है क्योंकि इसका आपके दिमाग पर असर होता है। आपका शरीर उत्तेजना की अवस्था में होता है और इस कारण से आपके ‍मनोभाव भी बदलते रहते हैं। किसी दिन जब हालत वास्तव में खराब होती है तो मैं पर्दे के पीछे अपने आपको बंद कर लेती हूं और उठती ही नहीं हूं।
 
अन्य दिनों में भी मेरा अपने शरीर पर बहुत कम नियंत्रण होता है। उस दिन में मुझे केवल दस बार ही ऑर्गेज्म होता है और तब मैं सोचती हूं कि कुछ काम कर सकती हूं, अपने जीवन को थोड़ा सामान्य बना सकती हूं। किसी अच्छे दिन की तरह जीवन सामान्य चलता रहता है और खराब दिन कुछ करने लायक नहीं रह पाती हूं, लेकिन तब भी मुझे मेरिक को स्कूल से लाना पड़ता हैं।
 
टोनी को खाना बनाना पड़ता है, जबकि खराब दिन पर बिस्किट खाकर गुजारा करना पडता है। आश्चर्य की बात है कि तीन वर्ष पहले जब वे घर के लिए सामान लेने गई थीं, तब एकाएक उनकी यह हालत हो गई थी। 
 
स्टोर में जाते समय उन्होंने खुद को प्रत्येक चीज से उत्तेजित होता पाया। उन्होंने हवा में मधुर खुशबू का अहसास किया और प्रत्येक चीज को छूने से उत्तेजना अनुभव की। एकाएक भ्रमित और एक बच्चे की मां ने खुद को डर की भावना से ग्रस्त पाया। उनकी उत्तेजना तब तक चलती रही जब तक कि वे फर्श पर नहीं गिर गईं।
 
और जब डॉक्टरों को दिखाया... पढ़ें अगले पेज पर....
 

उन्हें ऑर्गेज्म लगातार होते रहे। भयभीत कारा ने खुद को किसी तरह कार में डाला और जब वे घर पहुंची तो उन्होंने अपनी दोस्त जेनी को बुलाया, लेकिन वे यह बताने की हालत में नहीं थीं कि उनके साथ क्या हो रहा है। शाम को भी उनकी यही हालत बनी रही और उनका कहना है कि यह सबसे गहरा ऑर्गेज्म था जो कि मैंने जीवन में पहली बार महसूस किया था।  
 
चूंकि अमेरिका में चिकित्सा बहुत महंगी है इसलिए कारा महीनों तक ऐसी ही हालत में बनी रहीं लेकिन अंत में उनके लिए यह सब सहन करना असंभव हो गया। उन पर 160 ऑर्गेज्म का हमला हुआ और एक साथ कई-कई ऑर्गेज्म साथ-साथ होते गए और यह सब दो घंटे में हो जाता। अंत में कारा इस हालत से भयभीत और पंगु हो गई तो उन्होंने निश्चय किया कि बहुत हो गया अब तो किसी भी डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा।
 
छह महीने तक वे कोई दवा पाने के लिए छटपटाती रहीं और उन्होंने न्यूरोलॉजिस्ट, मनोवैज्ञानिक समेत कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन कोई अंतर नहीं पड़ा। वे पहले एक वेट्रेस के तौर पर नौकरी करती थीं, लेकिन अब वे केवल पर घर पर ही रहती हैं। 
 
इस कारण से डिहाइड्रेशन, घुटनों में चोट, को‍हनियों में चोटों और नींद पूरी न होने के कारण बहुत अधिक थक जाती हैं। वे इस कारण से हाई हील्स नहीं पहन पाती हैं। उन्हें कई बार कपड़े बदलना पड़ते हैं और इसके चलते उनका वैवाहिक जीवन भी खतरे में पड़ गया है। कारा ने इलाज के लिए सभी उपाय अपनाए, अपनी खुराक बदली, अपना व्यायाम का तरीका बदला, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया। वे अब अपने दोस्तों से भी दूर रहती हैं क्योंकि वे उन्हें विचित्र नजरों से ‍देखते हैं। इस कारण से वे अपने को बहुत अकेला पाती हैं और उनकी एक ही इच्छा है कि यह किसी भी तरह से बंद हो जाए।