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Last Updated :काठमांडू , रविवार, 26 अप्रैल 2015 (23:06 IST)

विनाशकारी भूकंप ने 2400 लोगों को मौत की नींद सुलाया

विनाशकारी भूकंप ने 2400 लोगों को मौत की नींद सुलाया - Nepal earthquake
काठमांडू। राहतकमियों ने नेपाल में आए भीषण भूकंप के बाद जीवित लोगों की तलाश में आज ढहे हुए मकानों और इमारतों के मलबे को भारी मात्रा में हटाया जबकि भूकंप में पांच भारतीय सहित 2400 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 6000 अन्य घायल हुए हैं।
भूकंप के दो जबर्दस्त झटके रविवार को फिर आए जिससे लोगों में दहशत फैल गई। आज आए झटकों से माउंट एवरेस्ट पर हिमस्खलन हुआ। कल माउंट एवरेस्ट पर हुए हिमस्खलन की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई।
 
आज आए भूकंप के पहले झटके की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.7 मापी गई जबकि दूसरे झटके की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.5 रही। भूकंप के झटके आते ही लोग खुली जगहों की ओर दौड़ पड़े। कल 7.9 की तीव्रता से आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई। लोगों ने फिर से झटके आने की आशंका के मद्देनजर सर्द रात खुले में बिताई।
 
काठमांडू आधारित नेशनल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के पास उपलब्ध ताजा आंकड़ों के मुताबिक नेपाल में मृतकों की संख्या 2430 है और 6000 से अधिक लोग घायल हैं। अकेले काठमांडू घाटी में 1053 लोग मारे गए हैं। अधिकारियों को मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि जीवित बचे लोगों की तलाश जारी है।
 
भारत सहित कई अंतरराष्ट्रीय टीमें राहत और बचाव कार्य के लिए नेपाल पहुंच गई हैं। आपदा के बाद नेपाल में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। कल आए भूकंप को देश के इतिहास में पिछले 80 सालों में आया सबसे भयंकर भूकंप बताया जा रहा है।
 
मृतकों की संख्या दिनभर बढ़ने के बीच यहां सामूहिक शवदाह किया गया। भारत सहित अंतरराष्ट्रीय बचाव टीमें यहां पहुंच गई हैं क्योंकि नेपाल ने आपदा के मद्देनजर आपातकाल घोषित कर दिया है। देश के रिकॉर्ड में उपलब्ध 80 साल से अधिक के इतिहास में यह सबसे बड़ी आपदा है।
 
भारत ने दवाओं, फील्ड अस्पतालों, कंबलों, 50 टन पानी और अन्य सामग्री से लैस 13 सैन्य विमान तैनात कर बड़े पैमाने पर बचाव एवं पुनर्वास की कोशिशें शुरू की हैं। भारत के राष्ट्रीय आपदा राहत बल के 700 से ज्यादा आपदा राहत विशेषज्ञों को तैनात किया गया है।
 
एक वरिष्ठ अंतर-मंत्रालयी टीम नेपाल का दौरा कर यह आकलन करेगी कि भारत बचाव अभियान में कैसे बेहतर तरीके से सहायता कर सकता है।
 
बचावकर्मी अपने हाथों के साथ-साथ भारी उपकरणों से मलबों के नीचे दबे जीवित लोगों की तलाश में जुटे हैं। भूकंप के ताजा झटकों, गरज के साथ बारिश होने और पर्वत श्रृंखलाओं में हो रही बर्फबारी के कारण बचाव कार्य प्रभावित हुआ है।
 
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय दूतावास के एक कर्मचारी की बेटी सहित पांच भारतीय भूकंप में मारे गए हैं। जब-जब मलबे के नीचे से जीवित बचे लोगों को बाहर निकाला जाता है, लोग काफी खुशी महसूस करते हैं। हालांकि ज्यादातर ही बाहर निकाले जा रहे लोग मर चुके हैं।
 
नेपाल के अन्य इलाकों की तरह काठमांडू आपदा से हुई तबाही की चुनौती से निपटने में मशक्कत कर रहा है। राजधानी की सड़कें और चौराहे मलबे से अटे पड़े हैं। इस मेट्रोपोलिटन इलाके की आबादी करीब 30 लाख है। (भाषा)