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Last Modified: कुआलालंपुर , रविवार, 22 नवंबर 2015 (20:28 IST)

विवेकानंद ने की थी एशिया अभ्युदय की घोषणा : मोदी

विवेकानंद ने की थी एशिया अभ्युदय की घोषणा : मोदी - Narendra Modi
कुआलालंपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद को भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की आत्मा बताते हुए रविवार को कहा कि उन्होंने ही सबसे पहले एक एशिया का मंत्र दिया था, जिसे आज आसियान कह रहा है।
मोदी ने मलेशिया यात्रा के दूसरे दिन यहां पेटलिंग जया में रामकृष्ण मिशन द्वारा स्वामी विवेकानंद की आदम कद प्रतिमा का अनावरण करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कहा, स्वामी विवेकानंद ना किसी व्यक्ति का नाम है, ना किसी व्यक्ति की पहचान। वह तो हजारों वर्षों पुरानी भारत की आत्मा है। वह भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की आवाज हैं।
 
उन्होंने कहा कि वेदों से लेकर स्वामी विवेकानंद तक भारत में एक लंबी सांस्कृतिक परंपरा रही है, हम भले ही उपनिषदों से आज उपग्रह तक पहुंच गए हैं लेकिन अगर हम अपने अंदर मूलभूत मूल्य बरकरार रखने की कोशिश करते हैं तो हम स्वामी विवेकानंद को अपने अंदर जीवित रखने का प्रयास करते हैं।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भले ही राजनीतिक आर्थिक कारणों से एक एशिया की बात कही जा रही हो, लेकिन स्वामी विवेकानंद ने यह बात सौ साल से ज्यादा पहले आध्यात्मिक एकात्मकता के संदर्भ में कही थी। उन्होंने कहा था कि यही भूमि है, जहां से विश्व को संकटों से निकलने का रास्ता निकलेगा।
 
मोदी ने कहा कि वह भी मानते हैं कि आज विश्व जिन दो बड़े संकटों (आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन) से जूझ रहा है। उसके समाधान का मार्ग भी एशिया से ही निकलेगा। उन्होंने भारतीय सभ्यता के मूल्यों को प्रकृति के सबसे करीब बताते हुए कहा कि इस संस्कृति में संघर्ष नहीं है। इसलिए आतंकवाद की गुंजाइश भी नहीं है।
 
प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने मलेशिया सरकार के एक अधिकारी द्वारा स्थानीय भाषा में लिखी योग पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन किया है। उन्होंने बताया कि भारत के सामने नई चुनौती दुनियाभर में योग शिक्षकों को भेजने की है। (वार्ता)