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Last Updated :उफा (रूस) , बुधवार, 8 जुलाई 2015 (00:32 IST)

नरेंद्र मोदी शिखर सम्मेलन के लिए आज पहुंचेंगे रूस

नरेंद्र मोदी शिखर सम्मेलन के लिए आज पहुंचेंगे रूस - Narendra Modi
उफा (रूस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तीन दिन की यात्रा पर आज यहां पहुंचेंगे। इस दौरान यहां उनकी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अलग से मुलाकात हो सकती है।
नौ-दस जुलाई तक चलने वाले इस एससीओ सम्मेलन में भारत को इस संगठन की सदस्यता दिए जाने के संबंध में कुछ घोषणा किए जाने की संभावना है। इस संगठन में फिलहाल छह देश- चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गीस्तान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान हैं।
 
रूस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारत को सदस्यता देने की प्रक्रिया अगले साल तक पूरी होगी। साथ ही पाकिस्तान को भी इसकी सदस्यता दी जाएगी जिससे संगठन के सदस्यों की संख्या आठ हो जाएगी।
 
भारत को 19 साल पुराने इस समूह में अभी पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है। इस समूह का गठन परस्पर संपर्क सुविधाएं बढ़ाने, आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग के विस्तार, ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग तथा व्यापार बढ़ाने और नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने पर केंद्रित है।
 
भारत को 2005 में पर्यवेक्षक बनाया गया और पिछले साल सदस्यता के लिए आवेदन किया। पाकिस्तान भी पर्यवेक्षक है और उसे सदस्य बनाया जा सकता है। रूस के रूसी राष्ट्रपति के सहायक यूरी उसाकोव ने कहा, भारत और पाकिस्तान कल एससीओ में शामिल नहीं होने जा रहे हैं। उन्हें शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। 
 
उन्होंने कहा कि उनको शामिल करने के लिए एक कार्यकारी ज्ञापन के समन्वय की जरूरत है। साथ ही इन दोनों देशों को समूह के 28 प्रमुख दस्तावेजों को भी अपनाना होगा। उसाकोव ने रसिया 24 टीवी चैनल से कहा, उसके बाद हम उम्मीद करते हैं कि इन दोनों देशों की सदस्यता तय हो सकेगी और हम आठ देशों के बारे में बात कर सकेंगे। 
 
प्रधानमंत्री मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। समाचार एजेंसी तास के अनुसार उसाकोव ने कहा कि दोनों देशों को एससीओ में शामिल करने की प्रक्रिया इस सप्ताह शिखर सम्मेलन से शुरू होगी।
 
उन्होंने कहा, एससीओ में भारत और पाकिस्तान की सदस्यता को 2016 में भारत में होने वाली अगली बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा। पांच देशों के ब्रिक्स समूह (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के शिखर सम्मेलन में आर्थिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी। 
 
ब्रिक्स विकास बैंक की स्थापना के साथ इस सम्मेलन में स्थानीय मुद्राओं में ॠण सुविधा शुरू करने की संभावना पर भी विचार किया जा सकता है। बैंक के पहले चेयरमैन भारत के बैंकिंग क्षेत्र की प्रमुख हस्ती केवी कामत बनाए गए हैं। 
 
मोदी और शी के अलावा ब्रिक्स सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा भी हिस्सा लेंगे।
 
मोदी ने कल दिल्ली से रवाना होने पहले एक बयान में कहा था, मुझे उम्मीद है कि ब्रिक्स देशों के बीच आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक सहयोग की दिशा में सकारात्मक नतीजा निकलेगा। पिछले साल 2014 में ब्रिक्स सम्मेलन सार्थक रहा और मुझे भरोसा है कि पिछले सम्मेलन के दौरान हमने जिन क्षेत्रों में प्रगति की थी, उससे आगे बढ़ेंगे।
 
उन्होंने यह भी कहा था कि वे ब्रिक्स देशों के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक करेंगे और वे ब्रिक्स नेताओं की उद्योगपतियों तथा अन्य आमंत्रित देशों के नेताओं के साथ बातचीत में शामिल होंगे।
 
एससीओ सम्मेलन के दौरान मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ के बीच अलग से मुलाकात और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा होने की संभावना है। दोनों देशों ने सद्भावपूर्ण पहल के तहत हाल ही में रमजान के मौके पर मछुआरों को जेलों से मुक्त किया है।
 
मछुआरों को छोड़े जाने से पहले मोदी ने 16 जून को शरीफ से फोन पर बात की और भारत की जेलों में बंद पाकिस्तान के मछुआरों को रमजान के पवित्र मौके पर आजाद करने के संबंध में भारत के फैसले से अवगत कराया।
 
उन्होंने रमजान के मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को बधाई भी दी और शांतिपूर्ण और दोस्ताना द्विपक्षीय संबंध पर जोर दिया। दोनों पड़ोसियों के संबंध हाल में आपसी बयानबाजी से प्रभावित हुए हैं।
 
भारत ने 88 पकिस्तानी मछुआरों को जबकि पाकिस्तान ने 111 भारतीय मछुआरों को छोड़ा। पाकिस्तान और भारत के बीच हाल में बयानबाजी का सिलसिला चला था। ढाका यात्रा के दौरान मोदी की पाकिस्तान पर आलोचनात्मक टिप्पणी और भारतीय सैनिकों की म्यांमार में छुपे उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद दोनों पक्षों के नेताओं की ओर से तीखी टिप्पणियां कीं गई थीं।
 
चीन द्वारा पाकिस्तान के साथ आर्थिक गलियारे के निर्माण किए जाने के संबंध में भारत की नाराजगी के बीच उम्मीद है कि मोदी की शी के साथ बैठक और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगे।
 
भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के जरिए गुजरने वाली 46 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना पर आपत्ति जताई है। चीन-पाकिस्तान के बीच तीन हजार किलोमीटर का यह आर्थिक गलियारा चीन के पश्चिमोत्तर में स्थित शिंचियांग स्वायत्त क्षेत्र के काशगर को पाकिस्तान के ग्वादार बंदरगाह से जोड़ेगा। यह गिलगिट-बाल्तिस्तान क्षेत्र से गुजरेगा। 
 
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में मुंबई हमले के सरगना जकी-उर-रहमान लक्ष्मी की रिहाई के संबंध में पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई को रोकने संबंधी चीन के रवैए पर भी चिंता जताई है। मोदी मध्य एशिया की पांच दिन की यात्रा पर हैं। वे कजाकिस्तान से रूस पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे। (भाषा)