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मुस्लिम इसराइल से घृणा करते हैं, क्योंकि...

मुस्लिम इसराइल से घृणा करते हैं, क्योंकि... - Muslim Egyptian blogger Sharif gawar
बाइस वर्ष का शरीफ गबार एक मिस्री ब्लॉगर है जिसे एक समय पर 'अपने धर्म (इस्लाम) का अपमान' करने पर जेल भेज दिया गया था। कुछ समय पहले उसने फिर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उसने मिस्र और फिलीस्तीन समेत सभी अरब देशों के लोगों से पूछा है कि 'आप इसराइल से नफरत क्यों करते हैं'?
एक समय पर वह भी इसराइल और इसके लोगों से नफरत करता था लेकिन जब उसे अरब देशों, फि‍लीस्तीनियों और इसराइलियों के बीच अंतर पता हुआ तो उसने इसराइल से नफरत करना बंद कर दिया। उसके विचार बदल गए और उसका मानना है कि पहले 'वह एक डम (भोलाभाला या मूर्ख) मुस्लिम था'। 
 
इस वीडियो में गबार ने अपने इसराइल समर्थक बनने के बहुत सारे कारण बताए हैं जिनमें से ज्यादातर को आप तभी समझ सकते हैं जबकि इस वीडियो को पूरा देखें। इस वीडियो को उसने पिछले सप्ताह पोस्ट किया जिसे अब तक दो लाख से ज्यादा लोगों ने देखा है। 
 
उसका कहना है कि 'मैं...वास्तव में फिलीस्तीन को तब मुक्त कराना चाहता था जबकि मैं खुद एक भोलाभाला, मूर्ख मुस्लिम था।' एक इसराइली वेबसाइट येनेट से बात करते हुए उसने कहा कि उसे पता है कि उसका वीडियो बहुत विवादास्पद होगा। और वास्तव में वह डर के मारे छिपा हुआ है क्योंकि उसे डर है कि इस वीडियो के पोस्ट करने के बाद उसकी फिर से गिरफ्तारी तय है। पर उसका मानना है कि उसकी निजी सुरक्षा की तुलना में उसके विश्वास बहुत महत्वपूर्ण हैं।
 
वह वीडियो में कहता है कि 'अंत में मेरा शरीर समाप्त हो जाएगा लेकिन विचार हमेशा बने रहेंगे।' उसका कहना है कि 'मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि इसराइली जीतें, भले ही यह एक वीडियो के जरिए ही क्यों न हो। यह बात इससे ज्यादा अहम है कि मैं जेल में रहूं या आजाद रहूं।'
 
इस्लाम को लेकर और क्या कहता है गबार... पढ़ें अगले पेज पर...
 

'व्हाई डू यू हेट इसराइल' शीर्षक वाले इस वीडियो में गबार यह तर्क देता है कि इस बात का कोई महत्व नहीं है कि पवित्र धरती पर कौन पहले आया। उसे इस बात का अहसास हुआ कि 'मिस्र खुद में औपनिवेशिक ताकत का शिकार है।' उसका कहना है कि एक समय पर मिस्र एक कोप्टिक ईसाई देश था जिस पर सातवीं सदी में मुस्लिमों ने कब्जा कर लिया और इसे ऐसा बना दिया जैसा कि यह आज है।  
उसका तर्क है कि इसराइली धरती की रखवाली, देखरेख करने में अधिक सक्षम हैं। उनकी फिलीस्तीनियों से तुलना नहीं की जा सकती है जो कि वास्तव में इतने भोलेभाले और मूर्ख हैं कि उन्हें अगर एक माइक्रोफोन मिल जाए तो उन्हें पता नहीं है कि वे इसका किस तरह से उपयोग करें। इस कारण से जो जमीन इसराइल के कब्जे में है, 'उस पर अगर फिलीस्तीनियों का कब्जा होता तो यह इलाका किसी दूसरे अरब देश जैसा होता।' इस वीडियो में फीचर फिल्मों की क्लिप्स भी शामिल की गई हैं।
 
वीडियो में ब्लॉगर ने कृषि, पानी का उपयोग करने में, वैज्ञानिक शोध और हाई टेक की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देता है। इस वीडियो में सीबीएन टेलीविजन की एक रिपोर्ट भी शामिल की गई है जिसमें इसराइल की तकनीकी नवीनता, नवोत्पाद के बारे में भी जानकारी दी गई है। 
 
शिक्षा और महिला अधिकारों के बारे में वह मिस्र की असफलताओं की हंसी उड़ाता है। उसका कहना है कि 'तुम, अरब देश प्रत्येक मामले में निकृष्ट हो।' उसका कहना है कि अरब देश इसलिए इसराइल से नफरत करते हैं क्योंकि वे इसराइल को लेकर ईर्ष्यालु हैं।
 
उसका कहना है कि अरब देशों का यह सारा गुस्सा और हिंसक घृणा किसी भी एक कारण से नहीं है और ईर्ष्या और गहरी नफरत के कारण है जबकि इस देश के प्रति लोगों में सच्ची प्रशंसा होनी चाहिए। गबार ने येनेट से कहा कि इस्लाम के प्रति उसके विचार उसी क्षण बदल गए थे जब उसने एक वीडियो में एक लड़की को पत्‍थरों से मारा जाता देखा था। 
 
गबार का कहना है कि अपनी युवावस्था में उसने भी कुरान को कंठस्थ किया था लेकिन इस धर्म के बहुत सारे पहलुओं को लेकर उसके कुछ सवाल रहे हैं। इसलिए अब वह अपने आप को एक नास्तिक मानता है।
 
वे मानसिक तौर पर बीमार लोग हैं...पढ़ें अगले पेज पर....
 
'मैंने इस बात पर भी आश्चर्य करना शुरू कर दिया कि क्या इस्लाम में तार्किक परीक्षण करने की क्षमता है। एक समय पर मेरे साथ ऐसा हुआ। उल्लेखनीय है कि उसे 2013 में एक प्रोफेसर के साथ सार्वजनिक बहस के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। इस प्रोफेसर का कहना था कि समलैंगिकों को सूली पर लटका देना चाहिए। बाद में, उसने इसराइल प्रतिरक्षा सेनाओं के अरबी प्रवक्ता के फेसबुक पेज को देखा।  
 
इस पेज पर उसने मुस्लिमों को उनके त्योहारों की छुट्टी पर बधाई दी थी। इसके लिए अरबी पाठकों की ओर से नकारात्मक प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। 'आप समझते हैं? एक आदमी उन्हें आशीर्वाद दे रहा है, उनके प्रति सद्‍भावनाएं जाहिर कर रहा है और वे उसे ही कोस रहे हैं...मुझे लगा कि वे मानसिक तौर पर बीमार लोग हैं, उन लोगों के साथ कुछ भी ठीक नहीं है।'
 
आखिर में, गबार खुद जाकर इसरालियों से मिला। उसका कहना है कि 'जब मैंने इसराइली लोगों से बात करना शुरू किया तो महसूस किया कि वे मेरे परिवार के लोगों से बेहतर थे। मुझे अपने आप से घृणा हुई कि मैं अकारण ही इसराइल से नफरत करता रहा।'