जल शुद्धि के लिए नई 'झिल्ली' का विकास
वॉशिंगटन। एक भारतीय अमेरिकी ने एक ऐसी कृत्रिम झिल्ली का विकास किया है, जो जल शुद्धीकरण को बेहतर बनाने, शरीर में दवा के बेहतर वितरण और डीएनए की पहचान में सहायक सिद्ध हो सकती है।
इसे बॉयोमिमेटिक्स झिल्ली पेन स्टेट में केमिकल इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर मनीष कुमार ने विकसित किया है।
यह झिल्ली लिपिड (वसा के अणुओं) और प्रोटीन संलग्न अणुओं को मिलाकर बनाया गया है। कुमार ने कहा कि प्रकृति चीजों को बहुत ही प्रभावी तरीके से करती है।
कुमार और उनके सह लेखकों ने ‘प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल अकादमी ऑफ साइंस’ के हालिया अंक में इसके बारे में लिखा है।
‘साइंस डेली’ के हवाले से कुमार ने कहा है कि वे प्रति चैनल प्रति सेकंड एक अरब जल के अणुओं के स्थानांतरण की दर को देखकर चौंक गए।
कुमार ने बताया कि इन चैनलों का सबसे अच्छा प्रयोग जल को बहुत उच्च गुणवत्ता का बनाने के लिए किया जा सकता है। (भाषा)