लंदन। आईएसआईएस आतंकियों से लड़ने के लिए ब्रिटेन के वेस्ट यॉर्कशायर में रहने वाले यासिर अब्दुल्ला इराक पहुंचे थे। आईएसआईएस के लड़ाकों के खिलाफ लड़ रहे कुर्दिस्तान के लड़ाकों में वे शामिल हो गए और बाद में वे अपने परिवार के पास फिर ब्रिटेन पहुंचे।
उन्होंने बताया कि आईएसआईएस के आतंकी किस तरह लोगों के साथ बर्बर व्यवहार कर रहे हैं। वे स्थानीय नागरिकों को जिंदा जमीन में गाड़ देने की धमकियां देते हैं।
उन्होंने बताया कि एक महिला इराक में आतंकवादियों की राजधानी, मोसुल पहुंची और उसने आतंकियों से मांग की कि वे उसके अपहृत बेटे से मिलवा दें। एक मां की फरियाद सुनकर आतंकियों ने जवाब दिया कि आप बहुत दूर से आई हैं। पहले बैठिए, चाय पीजिए और खाना खाइए। खाना खाने के बाद जब मां ने आतंकियों से अपने बेटे से मिलाने की बाद फिर दोहराई तो आतंकी हंसे और बोले, 'हमने आपके बेटे को मारकर उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए और अभी-अभी आपने जो मांस खाना है, वह उसी का था।
एक ब्रिटिश समाचार पत्र सन से बात करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि वे जिस महिला और उसके जिस बेटे की बात कर रहे हैं, उसकी कोई तस्वीर उनके पास नहीं है और न ही दुनिया के सामने आई हैं। लेकिन उनका कहना है कि इस तरह की दरिंदगी से जुड़ी एक -एक बात उनके दिमाग में ताजा है। वे वर्ष 2000 में कुर्दिस्तान छोड़कर ब्रिटेन आए थे और काइटली, वेस्ट यॉर्कशायर में सुरक्षा गार्ड का काम करते रहे हैं। पिछले सप्ताह ही वे फिर से ब्रिटेन लौटे हैं। उनका कहना है कि आईएसआईएस के आतंकी लोगों को पकड़ लेते हैं और उन्हें जिंदा जला देते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपने चचेरे भाई को लड़ाई में मरते देखा है।