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महिला को तोहफे में सिर काटने की इजाजत!

महिला को तोहफे में सिर काटने की इजाजत! - ISIS Chief Bagdadi gift to woman
इस्लामिक स्टेट की कैद से बचकर निकलने में सफल रही एक महिला लीना (नाम बदला हुआ) ने इस बात की जानकारी दी है कि आईएसआईएस के सरगना अबू बक्र अल बगदादी ने एक महिला शरिया जज को आतंकी लड़ाकों से शादी करने के बदले में एक महिला का सिर कलम करने की अनुमति दी।

लीना पहले शरिया कोर्ट में काम करती थी और उसने आईएस की कैद से भाग निकलने का फैसला किया, जब एक महिला शरिया जज का सिर कलम करने की सजा सुनाई गई थी। सत्ता संघर्ष के कारण यह महिला जज अपने विरोधियों का शिकार हुई थी।

एक अन्य महिला को फांसी की सजा सुनाई गई क्योंकि उसने व्हाट्‍सएप पर आईएसआईएस शासन के खिलाफ शिकायत की थी। लीना का कहना है कि आईएसआईएस की हिस्बाह धार्मिक पुलिस में पांच ब्रिटिश महिलाएं शामिल हैं और विदेशी जिहादियों को दूसरों के मुकाबले वरीयता दी जाती है।

लीना का पहले कहना था कि विदेशी जिहादी बहादुर होते हैं, लेकिन बाद में उसने महसूस किया कि ये लोग भी 'पैसा, सोने और औरतों' के कारण यह सब कर रहे हैं। उसने कुछेक हफ्तों पहले तुर्की में पनाह ली है लेकिन वह लगातार डर में रहती है कि आईएसआईएस के आतंकी उसे खोज निकालेंगे और मार डालेंगे।   

दक्षिण तुर्की से मेलऑनलाइन के लिए निक फैग लिखते हैं कि आईएसआईएस प्रमुख अल बगदादी को निजी तौर पर एक शरिया महिला जज को अनुमति देनी पड़ी कि वह अपनी शादी के तोहफे के तौर पर किसी महिला का सिर कलम कर सकती है। इस कुख्‍यात महिला ने अपने पति की मौत के बाद किसी दूसरे आतंकी से तभी शादी करने की शर्त रखी कि वह शादी तभी करेगी जब उसे ऐसा करने दिया जाएगा।

बगदादी ने उसे इजाजत तो दी लेकिन कहा कि वह केवल एक 'काफिर' महिला की ही जान ले सकती है। संगठन के प्रमुख का कहना था कि वह दूसरी महिला जज की जान ले सकती है जिस पर संगठन की जासूसी करने का आरोप लगा है और उसे मौत की सजा दी गई है।

लीना का मानना है कि उसे इसलिए मौत की सजा दी जा रही है क्योंकि उसे शीर्ष पर बैठे लोग पसंद नहीं करते थे। उसने एक वीडियो इंटरव्यू में बताया कि अस्सी लाख लोगों पर शासन करने वाली धार्मिक पुलिस हिस्बाह कैसे काम करती है। उसका कहना है कि ज्यादातर लोग डरे, सहमे रहते हैं। बच्चों से मुखबिरी करवाई जाती है।

धार्मिक पुलिस में ब्रिटिश महिलाओं और धर्म परिवर्तन करने वाली महिलाओं का वर्चस्व है क्योंकि उनकी सुंदरता के कारण उन्हें ज्यादा महत्व दिया जाता है। उसका कहना है कि विदेशी जिहादी केवल 'बलात्कारी, लुटेरे और चोर' हैं जो कि 'पैसा, सोना और महिलाओं' के कारण जिहाद करने सीरिया आए हैं।     

उसने देखा कि एक दो बच्चों की मां, 27 वर्षीय स्थानीय महिला को इसलिए फांसी दे दी क्योंकि उसने व्हाट्‍सएप मैसेज के जरिए दमिश्क में रहने वाली अपनी बहन से आतंकी शासन की शिकायत की थी। लड़की ने सारी बातें सच कही थीं, लेकिन पुलिस ने उसे असद सरकार की जासूस बताकर फांसी दे दी।

उसका कहना है कि जो वर्तमान में महिला शरिया जज है, उस महिला आतंकी का नाम रोआ उल खोतबा अल तुनीसी है और वह ट्‍यू‍नीशिया की रहने वाली है। उसके पति की एक हमले में मौत हो चुकी है और संगठन चाहता था कि इस 30 वर्षीय महिला की दूसरी शादी करा दी जाए, लेकिन वह शादी करने को तैयार नहीं थी।

उसका कहना था कि रोआ ने शर्त रखी कि वह किसी का सिर कलम करने की इजाजत मिलने के बाद ही दूसरी शादी करेगी। इस कारण से उसे संगठन प्रमुख को किसी महिला का सर कलम करने की इजाजत देनी पड़ी। अब वह जासूसी की आरोपी बनी पूर्व महिला शरिया जज उम अब्दुल्ला का सिर कलम करेगी।

उम अब्दुल्ला वही जज हैं जिनके साथ लीना ने कोर्ट में एक क्लर्क के तौर पर काम किया था। वह उन्हें एक भली और दयालु महिला बताती है लेकिन बर्बरता, भ्रष्टाचार, यौन उत्पीड़न करने वाले संगठन के नेताओं को ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है।