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Last Modified: वॉशिंगटन , रविवार, 15 नवंबर 2015 (14:53 IST)

आईएस के खिलाफ सैन्य कार्रवाई तेज करने का दबाव बढ़ा

आईएस के खिलाफ सैन्य कार्रवाई तेज करने का दबाव बढ़ा - IS
वॉशिंगटन। फ्रांस की राजधानी पेरिस के आतंकवादी हमलों से दहलने के बाद विश्व समुदाय पर खतरनाक आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खात्मे के लिए सैन्य कार्रवाई तेज करने का दबाव बढ़ गया है।


आईएस के खिलाफ 1 वर्ष से ज्यादा समय से अमेरिका के नेतृत्व वाले हवाई हमलों के विफल रहने के बाद अब यह आतंकवादी संगठन विश्व के लिए एक चुनौती बन गया है और अब इसके सफाए के लिए चौतरफा आवाजें उठ रही हैं। अमेरिका पर आईएस के खिलाफ अभियान तीव्र करने को लेकर देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक दबाव बढ़ गया है।

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका को इराक और सीरिया में सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए यूरोपीय और अरब देशों से और मदद की दरकार है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि फ्रांस और अमेरिका आईएस के खिलाफ सैन्य सहयोग बढ़ाने में इच्छुक होंगे या नहीं। हालांकि विशेषज्ञों ने कहा है कि पेरिस हमलों से आईएस के खिलाफ सैन्य अभियान का विस्तार करने की आवाजें तेज होंगी।

आईएस ने पेरिस में शुक्रवार देर रात हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है। इन नृशंस हमलों में 129 लोगों की मौत हो गई।

पिछले दो सप्ताह में आईएस ने कई बड़े हमले किए हैं जिसमें बेरूत में हुए आत्मघाती हमले और मिस्र में रूसी विमान पर हुए हमले शामिल हैं। बेरूत में आत्मघाती हमलों में 43 लोगों की मौत हुई थी जबकि रूसी विमान में सवार सभी 224 लोग मारे गए थे।

सीनेट इंटेलिजेंस समिति के शीर्ष सदस्य डायने फिनस्टीन ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि इराक और सीरिया में सीमित हवाई हमले करने की राष्ट्रपति बराक ओबामा की रणनीति हमारे देश और अन्य देशों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है। यह लड़ाई तेजी से इराक और सीरिया के बाहर फैल रही है और इसलिए हमें पूरी तरह से उनके खिलाफ मोर्चा खोलने की जरूरत है।

पेरिस हमलों को युद्ध छेड़ने जैसा बताने वाले फ्रांस ने भी आईएस से बदला लेने की बात कही है, वहीं ब्रिटेन भी पश्चिम एशिया में अपना अभियान तेज करेगा। (वार्ता)