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Last Modified: जकार्ता , शुक्रवार, 29 जुलाई 2016 (07:33 IST)

इंडोनेशिया ड्रग्स मामला : 14 में से चार को मिली मौत

इंडोनेशिया ड्रग्स मामला : 14 में से चार को मिली मौत - indonesia executes drug convicts
इंडोनेशिया में ड्रग अपराधों में मौत की सजा पाने वाले 14 लोगों में से चार को मृत्युदंड दे दिया है। रिपोर्टों के मुताबिक फायरिंग स्क्वैड ने स्थानीय समय के मुताबिक मध्य रात से कुछ देर बाद एक इंडोनेशियाई नागरिक और नाइजीरिया के तीन नागरिकों को मौत की सजा दी। ड्रग्स तस्करी के आरोपियों में पंजाब के गुरदीप सहित 14 लोग शामिल हैं, जिन्हें आरोप में सजा-ए-मौत दी जानी है।
मौत की सजा पर अमल नुसकम्बैंगन जेल द्वीप पर हुआ। अभी तक सरकार की ओर से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। ये अभी साफ नहीं है कि बाकी बचे दस लोगों की सजा पर सस्पेंस बना हुआ है। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मौत की सजा पर अमल की निंदा करते हुए इसे 'निंदनीय' कार्रवाई बताया है जिससे 'अंतरराष्ट्रीय और इंडोनेशिया के कानूनों का उल्लंघन होता है।'
 
इंडोनेशिया में ड्रग्स से जुड़े कुछ कानून दुनिया में सबसे ज्यादा कड़े हैं। मौत की सजा की बहाली को लेकर इंडोनेशिया को दुनिया भर से कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी है। बीते साल ड्रग्स अपराधों के 14 दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी। इनमें से ज्यादातर विदेशी हैं।
 
राष्ट्रपति जोको विडोडो के पद संभालने के बाद से मौत की सज़ा पर अमल होने का ये तीसरा चरण है। जकार्ता पोस्ट के मुताबिक अपने परिजन को अंतिम विदाई देने के लिए दिन के वक्त वहां रिश्तेदार जुटे थे। द्वीप पर 17 एंबुलेंस भेजी गईं थी जिनमें से 14 में ताबूत थे।
 
एक सूत्र ने स्थानीय मीडिया को बताया कि मौत की सजा पर अमल स्थानीय समय के मुताबिक शुक्रवार 00.45 बजे हुआ। जिन लोगों को मौत की सजा दी गई उनमें इंडोनेशिया के फ्रेडी बडिमैन, नाइजीरिया के सेक ओसमैन, हम्फ्री जेफरसन एजिक और मिचेल टिटुज इग्वेह हैं।
 
मौत की सजा पाए लोगों में से जिनकी सजा पर अमल होना हैं, उनमें इंडोनेशिया के तीन नागरिक, भारत का एक नागरिक, पाकिस्तान का एक नागरिक, जिम्बाब्वे के दो नागरिक और नाइजीरिया के दो अन्य नागरिक शामिल हैं।
मानवाधिकार कार्यकर्ता पाकिस्तान के नागरिक जुल्फिकार अली के मामले को लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि जुल्‍फिकार की पिटाई की गई ताकि वो मान लें कि उनके पास हेरोइन थी। वहीं इंडोनेशिया की मेरी उतामी के बारे में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें धोखे से ड्रग तस्करी के काम में लगाया गया था। 
 
साल 2014 में जब राष्ट्रपति विडोडो निर्वाचित हुए थे तब उन्होंने ड्रग तस्करी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि दोषी ड्रग डीलरों की मौत की सजा को लेकर वो कोई समझौता नहीं करेंगे। अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया के दो नागरिकों को मौत की सजा दिए जाने के ख़िलाफ़ ऑस्ट्रेलिया ने पांच हफ्तों के लिए इंडोनेशिया से अपने राजदूत को हटा लिया था।
 
विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने गुरुवार शाम को 48 वर्षीय गुरदीप सिंह के परिवार से फोन पर बात की और आश्‍वस्‍त किया कि गुरदीप को बचाने के लिए वे अपनी ओर से पूरे प्रयास कर रही हैं। गुरदीप मूलत: जालंधर से है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता विकास स्‍वरूप ने बताया कि हमारे अधिकारियों ने गुरदीप से मुलाकात की है और हमारे दूतावास ने इंडोनेशिया की सरकार से सभी कानूनी विकल्‍प देखने को कहा है। उन्‍होंने कहा कि सिंह के पास इंडोनेशिया के राष्‍ट्रपति के पास दया याचका की अपील करने का अधिकार है।
 
मौजूदा समय में इंडोनेशिया के अधिकारियों ने मादक द्रव्‍यों के बढ़ते इस्‍तेमाल के खिलाफ मौत की सजा देने के फैसले का बचाव किया है और 14 दोषियों की मौत की सजा टालने की संयुक्‍त राष्‍ट्र और यूरोपीय यूनियन की अपील खारिज कर दी है। इन दोषियों में नाइजीरिया, पाकिस्‍तान और जिम्‍बाब्‍वे के नागरिक भी शामिल हैं।  
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